Tuesday, 4 February 2020

पाँच मुखी रुद्राक्ष -- डाॅ कृष्ण पाल त्रिपाठी

       अन्य रुद्राक्षों की भाँति पंच मुखी रुद्राक्ष भी अत्यन्त पवित्र एवं पाप-नाशक होता है ।यह साक्षात् कालाग्नि स्वरूप माना जाता है ।यह पंच देवों का प्रतीक माना जाता है अर्थात इसमे भगवान शिव विष्णु गणेश सूर्य तथा भगवती दुर्गा जी का वास होता है ।इस रुद्राक्ष की सर्वाधिक उल्लेखनीय विशेषता यह है कि यह सर्व सुलभ है ।यह बहुत आसानी से सर्वत्र सुलभ हो जाता है।इसलिए अधिकांश मालायें पंच मुखी रुद्राक्ष की ही बनायी जाती है ।
     महा शिव पुराण के अनुसार पंच मुखी रुद्राक्ष साक्षात् कालाग्निरुद्र रूप है।वह सब कुछ करने मे समर्थ है ।वह सबको मुक्ति प्रदान करने वाला तथा सम्पूर्ण मनोवांछित फल प्रदान करने वाला है ।वह अगम्या स्त्री के साथ गमन करने तथा पापान्न भक्षण से उत्पन्न होने वाले समस्त पापों को दूर कर देता है ----
   पञ्चवक्त्रः स्वयं रुद्रः कालाग्निर्नामतः प्रभुः।
   सर्वमुक्तिप्रदश्चैव          सर्वकामफलप्रदः ।।

पंचमुखी रुद्राक्ष के लाभ  ---
1 --- पंचमुखी रुद्राक्ष सब कुछ करने मे समर्थ होता है।इसलिए जो व्यक्ति इसे श्रद्धापूर्वक धारण करता है ; वह सभी क्षेत्रों मे उत्तमोत्तम सफलता प्राप्त करता है ।
2 -- यह रुद्राक्ष मनोवांछित फल प्रदाता माना जाता है।इसलिए जो व्यक्ति जिस कामना की पूर्ति के लिए इसे धारण करता है ; वह कामना शीघ्र ही पूर्ण हो जाती है ।
3 -- यह रुद्राक्ष अत्यन्त पवित्र और पाप नाशक होता है।इसलिए इस रुद्राक्ष को धारण करने से मनुष्य के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं।इस प्रकार वह भक्त पूर्णतः निष्कलुष हो जाता है।
4 -- इस रुद्राक्ष की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यह दुर्घटनाओं से बचाता है।अतः इसे प्रत्येक व्यक्ति को धारण करना चाहिए ।विशेषकर जो लोग वाहन चालक हों ; नित्य यात्रा करने वाले हों या मशीनरी कार्य करने वाले हों ; उन्हें पंच मुखी रुद्राक्ष अवश्य धारण करना चाहिए ।
5 -- यह पंच देवों का प्रतीक माना जाता है।अतः जो व्यक्ति इस रुद्राक्ष को धारण करता है ; उस पर पंच देवों की कृपा सहज ही प्राप्त हो जाती है।
6 -- यह रुद्राक्ष रोग - नाशक भी होता है ।इसलिए हर प्रकार के मानसिक रोग  ; मधुमेह  ; रक्तचाप ; हृदय रोग  आदि रोगों को दूर करने के लिए इस रुद्राक्ष को अवश्य धारण करना चाहिए ।
7 -- इस रुद्राक्ष को धारण करने से मानसिक तनाव दूर हो जाता है।मनःशान्ति के लिए यह सर्वोत्तम रुद्राक्ष माना जाता है।
8 -- आर्थिक विकास के लिए भी इस रुद्राक्ष को धारण करना चाहिए ।जो व्यक्ति इस रुद्राक्ष को धारण करता है  ; वाणिज्य व्यापार व्यवसाय नौकरी आदि मे उल्लेखनीय प्रगति होती है ।आय के नवीन स्रोत बन जाते हैं।
9 -- इस रुद्राक्ष को धारण करने से व्यक्ति के मन मे सकारात्मक विचारों का प्रादुर्भाव होने लगता है।नकारात्मक सोच बिल्कुल दूर हो जाती है।
10 -- पारिवारिक सुख शान्ति के लिए भी यह रुद्राक्ष बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निर्वाह करता है।
11 -- यह रुद्राक्ष एक सुरक्षा कवच की तरह काम करता है।इसे धारण करने पर व्यक्ति के ऊपर बाह्य एवं नकारात्मक ऊर्जा का दुष्प्रभाव नही पडेगा।
12 --इस रुद्राक्ष को धारण करने से मनुष्य की बौद्धिक क्षमता एवं स्मरण शक्ति का बहुत अधिक विकास होता है।विशेषकर बुढापे मे जब भूलने की आदत बन जाये तब इस रुद्राक्ष को अवश्य धारण करना चाहिए ।
13 -- इस रुद्राक्ष को धारण करने मनुष्य को समाज मे मान सम्मान और सहयोग की प्राप्ति होती है।
14 -- यह रुद्राक्ष बृहस्पति ग्रह से सम्बन्धित होता है।अतः जिनकी कुण्डली मे बृहस्पति कमजोर हो आथवा अनिष्टकारी हो ; उन्हें पंचमुखी रुद्राक्ष अवश्य धारण करना चाहिए ।इसे धारण करने मात्र से ही बृहस्पति कृत सभी  कष्ट दूर हो जाते हैं।
15 -- बृहस्पति से सम्बन्धित होने के कारण धनु एवं मीन राशि वालों को यह रुद्राक्ष विशेष शुभदायक होता है।

धारण करने की विधि ---
     रुद्राक्ष धारण करने के लिए श्रावण का महीना सर्वश्रेष्ठ होता है  अथवा किसी भी महीने मे सोमवार प्रदोष  तेरस पूर्णिमा आदि को धारण करना चाहिए ।प्रातः स्नानादि से निवृत्त होकर रुद्राक्ष को किसी पात्र मे रखकर गोदुग्ध पंचामृत गंगाजल आदि से स्नान कराओ ।उसके बाद  ऊँ ह्रीं नमः  इस मंत्र का न्यूनतम एक माला जप करके रुद्राक्ष धारण करना चाहिए ।अथवा ऊँ नमः शिवाय का जप करो ।

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