महा शिव पुराण मे तीन मुखी रुद्राक्ष की बहुत अधिक प्रशंसा की गयी है ।इसके अनुसार तीन मुखी रुद्राक्ष सदा साक्षात् साधन का फल देने वाला है ।उसके प्रभाव से सारी विद्यायें प्रतिष्ठित हो जाती हैं ---
त्रिवक्त्रो यो हि रुद्राक्षः साक्षात्साधनदः सदा।
तत्प्रभावाद्भवेयुर्वै विद्याः सर्वाः प्रतिष्ठिताः ।।
तीन मुखी रुद्राक्ष से लाभ ---
तीन मुखी रुद्राक्ष धारण करने से मनुष्य को असंख्य लाभ होते हैं।मै यहाँ पर कुछ प्रमुख लाभों की चर्चा कर रहा हू --
1 -- तीन मुखी रुद्राक्ष मे त्रिदेवों का वास होता है।इसलिए इसे धारण करने पर मनुष्य को उन तीनों की कृपा एवं आशीर्वाद प्राप्त हो जाता है।
2 -- तीन मुखी रुद्राक्ष धारण करने से मनुष्य को सभी साधनों का फल स्वयमेव प्राप्त हो जाता है ।
3 -- इसे धारण करने से मनुष्य के अन्दर सभी विद्यायें स्वयं ही प्रतिष्ठित हो जाती हैं।
4 -- आर्थिक प्रगति कराने मे भी तीन मुखी रुद्राक्ष की अहं भूमिका मानी गई है।इसलिए जो व्यक्ति इसे धारण करता है ; उसे वाणिज्य व्यापार व्यवसाय नौकरी आदि मे उल्लेखनीय सफलता प्राप्त होती है ।उसे पर्याप्त धनार्जन करने मे सफलता मिलती है ।अतः स्वाभाविक है कि उसकी आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी हो जायेगी ।
5 -- इसे धारण करने से मनुष्य को समाज मे मान सम्मान और समस्त ऐश्वर्यों की प्राप्ति हो जाती है।
6 -- तीन मुखी रुद्राक्ष को जो व्यक्ति धारण करता है उसकी आत्मा शुद्ध एवं सशक्त हो जाती है।उसके शरीर मे नवीन ऊर्जा का संचार होने लगता है।
7 -- स्वास्थ्य संरक्षण और संवर्धन की दृष्टि से भी तीन मुखी रुद्राक्ष का बहुत अधिक महत्व है।इसे धारण करने से पीलिया ; चेचक ; उच्च रक्तचाप ; मधुमेह आदि रोगों से मुक्ति मिल जाती है ।
8 -- तीन मुखी रुद्राक्ष मे अग्नि तत्व की प्रधानता होती है ।इसलिए यह जठराग्नि को उद्दीप्त करने मे महत्वपूर्ण योगदान करता है।अतः इसे धारण करने से अपच ; मन्दाग्नि आदि सभी प्रकार के उदर विकार समूल नष्ट हो जाते हैं।
9 -- इसे धारण करने से मनुष्य के अन्दर तेज एवं बल की अभिवृद्धि होती है।
10 -- यह रुद्राक्ष मनुष्य के मन को पवित्र करके आपराधिक प्रवृत्तियों से मुक्त कर देता है।
11 -- जिन लोगों को जीवन मे असफलताओं का सामना करना पड़ रहा हो और वे निराश हो चुके हों ; उन्हें तीन मुखी रुद्राक्ष अवश्य धारण करना चाहिए ।इसे धारण करने से उन्नति का नया मार्ग बनेगा अथवा पुराने संसाधनों के सहयोग से अपेक्षित सफलता प्राप्त करने लगेगा।
12 -- तीन मुखी रुद्राक्ष अग्नि स्वरूप माना गया है।इसलिए जो व्यक्ति इसे धारण करता है ; उसके शरीर के सभी विकार भस्म हो जाते हैं।उसका शरीर पूर्णतः शुद्ध ; निर्मल एवं निष्कलुष हो जाता है।
13 -- तीन मुखी रुद्राक्ष मंगल ग्रह से सम्बन्धित होता है।इसलिए जिनकी कुण्डली मे मंगल कमजोर या अनिष्टकारी हो ; उन्हें तीन मुखी रुद्राक्ष अवश्य धारण करना चाहिए ।इससे मंगल मजबूत एवं शुभ फलदायक बन जाता है।
14 -- तीन मुखी रुद्राक्ष मेष एवं वृश्चिक लग्न वाले जातकों को अवश्य धारण करना चाहिए ।इससे उनका लग्नेश सबल बन कर अपेक्षित शुभ फल प्रदान करने लगेगा।
15 -- जिन लोगों को अपने जन्म लग्न की जानकारी न हो तो ऐसे मेष राशि तथा वृश्चिक राशि वाले लोगों को भी तीन मुखी रुद्राक्ष अवश्य धारण करना चाहिए ।यह उनके लिए बहुत लाभदायक सिद्ध होगा।
16 -- तीन मुखी रुद्राक्ष व्यक्ति को स्वस्थ सुखी और समृद्ध बनाता है।इसलिए सभी लोगों को इसे धारण करना चाहिए ।
17 -- खेलकूद मे सफलता प्राप्त करने के लिए तीन मुखी रुद्राक्ष अवश्य धारण करना चाहिए ।
18 -- तीन मुखी रुद्राक्ष धारण करने से मनुष्य की हर प्रकार की चिन्ता एवं तनाव समाप्त हो जाता है।
19 -- विद्या बुद्धि की वृद्धि के लिए भी तीन मुखी रुद्राक्ष बहुत महत्वपूर्ण होता है।इसको धारण करने से व्यक्ति शिक्षा के क्षेत्र मे उत्तम सफलता प्राप्त करता है।
20 -- नौकरी मे होने वाली परेशानियों को दूर करने के लिए भी तीन मुखी रुद्राक्ष धारण करना बहुत शुभ फल दायक होता है।
21 -- तीन मुखी रुद्राक्ष मनुष्य को अपवादों से बचाता है।अतः जिनके ऊपर झूठे लाञ्छन लगे हों अथवा जिनके पीछे षड़यंत्र होने की संभावना हो ; उन्हें तीन मुखी रुद्राक्ष अवश्य धारण करना चाहिए ।
धारण करने की विधि ---
तीन मुखी रुद्राक्ष को श्रावण मास मे अथवा अन्य महीनो मे सोमवार या प्रदोष तेरस पूर्णिमा आदि तिथियों मे धारण करना चाहिए ।प्रातः स्नानादि से निवृत्त होकर भगवान शिव जी की पूजा करें उसके बाद किसी बर्तन मे रुद्राक्ष को गाय के दूध पंचामृत गंगाजल आदि से स्नान कराओ ।चन्दन अक्षत धूप दीप नैवेद्य आदि अर्पित करो ।उसके बाद " ऊँ क्लीं नमः " इस मंत्र का एक माला जप करके रुद्राक्ष को धारण करना चाहिए ।
Very good
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