Monday, 11 July 2016

पीपल के वृक्ष का महत्त्व -- डाॅ कृष्ण पाल त्रिपाठी

           वृक्षों मे पीपल के वृक्ष का महत्त्व सर्वोपरि है।इसीलिए प्रायः सभी सद्ग्रन्थों मे पीपल का वृक्ष लगाने की महत्ता प्रतिपादित की गयी है।इसे जलाशय के समीप लगाने से सैकड़ों यज्ञों का फल प्राप्त होता है।अमावस्या को जब उसके पत्ते जल मे गिरते हैं ; तब वे पिण्ड के समान होकर पितरों को अक्षय तृप्ति प्रदान करते हैं।उस वृक्ष पर रहने वाले पक्षी उसी का फल खाकर अपनी क्षुधा मिटाते हैं ; तब वृक्ष लगाने वाले व्यक्ति को ब्राह्मण-भोजन सदृश अक्षय पुण्य फल की प्राप्ति होती है।
             ग्रीष्म ऋतु मे जब गौ ; ब्राह्मण ; देवता आदि जिस पीपल की छाया मे बैठकर विश्राम करते हैं ; तब वृक्ष लगाने वाले व्यक्ति के पितरों को अक्षय स्वर्ग की प्राप्ति होती है।पीपल का एक वृक्ष लगा देने से मनुष्य को स्वर्ग की प्राप्ति अवश्य होती है।जो व्यक्ति क्रय-विक्रय-स्थल ; मार्ग एवं जलाशय के तट पर पीपल का वृक्ष लगाता है ; उसे स्वर्ग की प्राप्ति अवश्य होती है।इसलिए प्रत्येक व्यक्ति को न्यूनतम एक वृक्ष अवश्य लगाना चाहिए।
           शास्त्रों मे पीपल-वृक्ष के पूजन का असीम महत्त्व बताया गया है।स्नानोपरान्त पीपल के वृक्ष का स्पर्श करने मात्र से मनुष्य के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं।इतना ही नहीं बल्कि पीपल के वृक्ष का दर्शन करने से ही मनुष्य पापमुक्त हो जाता है।श्रद्धा और भक्ति के साथ उसका स्पर्श अर्थात् प्रणाम करने से लक्ष्मी की प्राप्ति होती है।उसकी प्रदक्षिणा करने से मनुष्य सुखी और दीर्घायु होता है।पीपल के वृक्ष का पूजन करने और हविष्य ; दूध ; फल ; फूल ; धूप ; दीप ; नैवेद्य आदि अर्पित करने से भक्त को स्वर्ग की प्राप्ति अवश्य होती है।उसकी जड़ के समीप जप ; तप ; पूजा ; पाठ ; यन्त्र ; मन्त्र का आदि का अनुष्ठान करने से करोड़ो गुना फल की प्राप्ति होती है।
          पीपल की जड़ मे भगवान विष्णु ; तने मे भगवान शिव जी और अग्रभाग मे साक्षात् ब्रह्मा जी विराजमान रहते हैं।इसलिए पीपल का पूजन करने से उन सब देवताओं का पूजन स्वयमेव हो जाता है।पीपल के वृक्ष को प्रणाम करने से गंगास्नान और एक सहस्र गोदान का फल प्राप्त होता है।उसकी सात बार परिक्रमा करने से दस सहस्र गोदान का फल मिलता है।जितनी अधिक परिक्रमा की जाती है ; उतना अधिक पुण्य फल होता है।
           पीपल के वृक्ष के नीचे दान करने का भी बहुत अधिक महत्त्व है।यहाँ जो दान किया जाता है ; वह सब अक्षय होकर जन्म जन्मान्तरों मे प्राप्त होता रहता है।इस प्रकार पीपल का वृक्ष सर्वतोभावेन पूजनीय एवं रक्षणीय है।इसे लगाने ; रक्षा करने ; स्पर्श करने और पूजन करने से क्रमशः धन ; पुत्र ; स्वर्ग और मोक्ष की प्राप्ति होती है।पीपल के वृक्ष को काटने या किसी प्रकार की क्षति पहुँचाने से घोर पाप होता है।जो व्यक्ति उसकी डाल काटता है ; वह एक कल्प तक नरक भोगता है।बाद मे भूतल पर चाण्डाल आदि निन्दित योनि मे जन्म लेता है।जो उसकी जड़ को काटता है ; वह स्वयं तो नरक मे जाता ही है ; उसकी कई पीढ़ियाँ भी रौरव नरक मे चली जाती हैं।अतः सर्वविध कल्याण- प्राप्ति के लिए पीपल का वृक्ष अवश्य लगाना चाहिए।

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