जन्मकुण्डली अथवा गोचर मे यदि शुक्र ग्रह अनिष्टकारी हो तब शुक्रवार का व्रत बहुत लाभकारी होता है।
विधि --
शुक्रवार को जब ज्येष्ठा नक्षत्र हो तब शुक्रवार का व्रत विशेष फलदायक होता है।व्रती को चाहिए कि वह प्रातः स्नानादि करके व्रत का संकल्प ले।फिर रजतपात्र मे शुक्र की सुवर्ण निर्मित मूर्ति को स्थापित कर उसकी विधिवत् पूजा करे।पूजन मे श्वेत गन्ध ; पुष्प ; अक्षत आदि का प्रयोग करना चाहिए।इसमे नक्तव्रत ( रात्रि मे भोजन ) करने का विधान है।बाद मे ब्राह्मणों को खीर का भोजन कराना चाहिए।साथ मे मूर्ति एवं पूजन सामग्री भी दान कर देनी चाहिए।इस प्रकार सात बार व्रत करने से समस्त कामनायें पूर्ण हो जाती हैं।
माहात्म्य --
इस व्रत को करने से शुक्र ग्रह जनित सभी कष्ट दूर हो जाते हैं।
Thursday, 23 June 2016
शुक्रवार व्रत -- डाॅ कृष्ण पाल त्रिपाठी
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment