मंगलवार व्रत अधिकाँशतः मंगल ग्रह जन्य कष्टों की निवृत्ति एवं हनुमान जी की अनुकम्पा प्राप्त करने के लिए किया जाता है।
विधि --
यदि मंगल ग्रह की अनुकूलता के लिए व्रत करना हो तो व्रती प्रातः स्नानादि करके व्रत का संकल्प ले।फिर ताम्रपात्र मे मंगल की सुवर्णमयी मूर्ति स्थापित कर उसका विधिवत पूजन करे।पूजनोपरान्त गुड़ से परिपूर्ण ताम्रपात्र का दान करे।इस प्रकार एक वर्ष तक व्रत करके उद्यापन करना चाहिए।
यदि हनुमान जी के उद्देशय से व्रत करना हो तो स्नानादि के बाद संकल्प पूर्वक हनुमान जी का पूजन करे।प्रसाद रूप मे भीगी हुई चना की दाल ; गुड़ और गुड़ मिश्रित पूड़ी का नैवेद्य चढ़ाये।मोतीचूर का लड्डू भी चढ़ाया जा सकता है।
माहात्म्य --
इस व्रत को करने से व्यक्तियों की समस्त कामनायें पूर्ण हो जाती हैं।मंगल ग्रह की अनुकूलता एवं हनुमान जी की प्रसन्नता से हर प्रकार का सुख प्राप्त होता है।
Thursday, 23 June 2016
मंगलवार व्रत -- डाॅ कृष्ण पाल त्रिपाठी
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