शिव शब्द का अर्थ है -- कल्याण।अतः समस्त कल्याणार्थियों को शिव जी की उपासना अवश्य करनी चाहिए।उनकी उपासना की अनेक विधियाँ हैं किन्तु शिवलिंग का अभिषेक करना सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण विधि है।
रुद्राभिषेक के विषय मे एक रोचक आख्यान उपलब्ध है।एक बार सनकादि मुनियों ने पृथ्वी का भ्रमण करते हुए देखा कि वहाँ अधिकाँश लोग नाना प्रकार के कष्टों से पीड़ित हैं।उसके बाद वे शिव जी के पास गये और उनसे कष्ट दूर करने का उपाय पूछा।शिव जी ने बताया कि इन समस्त दुखों से मुक्ति प्राप्त करने का एकमात्र उपाय रुद्राभिषेक ही है।इसके अतिरिक्त दूसरा कोई उपाय नहीं है।यदि कोई व्यक्ति शान्तचित्त होकर श्रद्धा-भक्ति के साथ रुद्राभिषेक करे तो उसके समस्त दुःखों का नाश हो जायेगा।वह समस्त सिद्धियों को प्राप्त करके अन्त मे मोक्ष को प्राप्त हो जाता है।
शास्त्रों मे विभिन्न कामनाओं की पूर्ति के लिए अनेक पदार्थों का उल्लेख किया गया है।भिन्न भिन्न द्रव्यों से अभिषेक करने पर उसका फल भी भिन्न भिन्न होता है।यहाँ कुछ प्रमुख द्रव्यों एवं उनसे अभिषेक करने पर मिलने वाले फलों का उल्लेख किया जा रहा है।
1-- गोदुग्ध -- रुद्राभिषेक के लिए देशी एवं कृष्णा गऊ का दूध सर्वोत्तम माना गया है।यदि तन मन मे किसी प्रकार का उच्चाटन हो ; कहीं भी मन न लगे ; प्रेम का अभाव हो ; दुःख बढ़ जाय अथवा गृह कलह हो तब गोदुग्ध से रुद्राभिषेक कराने पर सारे कष्ट दूर हो जाते हैं।विशेषकर बन्ध्या ( जिसे सन्तान न होती हो ) ; काकबन्ध्या ( एक बार सन्तान होने के बाद दूसरी न हो ) और मृतवत्सा ( जिसके बच्चे होकर मर जाते हों ) को भी दीर्घायु पुत्र की प्राप्ति होती है।किसी विशेष कार्य की सिद्धि के लिए गोदुग्ध से रुद्राभिषेक कराना सर्वोत्तम उपाय है।
2-- जल -- जल से रुद्राभिषेक करने पर सुवृष्टि होती है।यदि किसी को ज्वर पीड़ा हो तो जलाभिषेक से तत्काल लाभ होता है।सुख समृद्धि एवं सन्तान वृद्धि के लिए भी जल से रुद्राभिषेक कराना चाहिए।
3-- दधि -- दधि से रुद्राभिषेक करने पर गौ आदि पशुओं का लाभ होता है।
4-- गंगाजल -- गंगाजल से रुद्राभिषेक करने पर भोग और मोक्ष दोनो की प्राप्ति होती है।
5-- कुशोदक -- कुशोदक ( कुश का जल ) से रुद्राभिषेक करने पर सभी व्याधियाँ शान्त हो जाती हैं।
6-- गन्ना का रस -- ईख या गन्ना के रस से अभिषेक करने पर लक्ष्मी की प्राप्ति होती है।विद्वानों ने धन लाभ के लिए गन्ना के रस को सर्वाधिक महत्त्व दिया है।इससे सब प्रकार के आनन्द की प्राप्ति होती है।
7-- मधु -- मधु ( शहद ) से रुद्राभिषेक करने पर पर्याप्त धन लाभ होता है।इससे पाप और प्रायश्चित्त की भी शान्ति हो जाती है।इससे राजयक्ष्मा ( टी बी ) रोग भी दूर हो जाता है।
8-- घृत -- घृत से रुद्राभिषेक करने पर अपार धन की प्राप्ति होती है।इससे पुत्रादि की प्राप्ति होकर वंश की वृद्धि होती है।नपुंसकता दूर करने के लिए भी घृताभिषेक सर्वोत्तम उपाय है।
9-- तीर्थजल -- तीर्थजल से अभिषेक करने पर मोक्ष की प्राप्ति होती है।
10-- शर्करा मिश्रित गोदुग्ध से अभिषेक करने पर जड़ बुद्धि व्यक्ति की भी बुद्धि वृहस्पति के समान हो जाती है।विद्यार्थियों की बुद्धि वृद्धि के लिए यह सर्वोत्तम उपाय है।
11-- सरसों का तेल -- शत्रुनाश के लिए सरसों के तेल से अभिषेक करना चाहिए।
12-- चीनी के शरबत से रुद्राभिषेक करने पर पुत्र की प्राप्ति होती है।
13-- सुवासित तेल से अभिषेक करने पर सांसारिक भोगों की प्राप्ति होती है।
Sunday, 26 June 2016
रुद्राभिषेक -- डाॅ कृष्ण पाल त्रिपाठी
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