रविवार को पड़ने वाली सप्तमी भानु-सप्तमी कहलाती है।
कथा ---
यह तो सर्वविदित है कि सप्तमी तिथि के स्वामी सूर्यदेव हैं।इसलिए यह तिथि सूर्य को अत्यधिक प्रिय है।यदि सप्तमी को रविवार पड़ जाय तो उस सप्तमी की महत्ता और अधिक बढ़ जाती है।
विधि ---
व्रती प्रातः स्नानादि करके गन्ध अक्षत आदि से सूर्यदेव की विधिवत् पूजा करे।बाद मे सूर्यार्घ्य प्रदान करे --
एहि सूर्य सहस्रांशो तेजोराशे जगत्पते ।
अनुकम्पय माम् भक्त्या गृहाणार्घ्यं दिवाकर ।।
माहात्म्य ---
धर्मग्रन्थों मे इसे बहुत शुभ पर्व माना गया है।इस दिन किये गये स्नान दान आदि का फल सूर्य ग्रहण के दिन किये गये स्नानादि के समान होता है।
No comments:
Post a Comment