दमनक तृतीया व्रत चैत्र शुक्ल पक्ष तृतीया को किया जाता है।इसमे दमनक-पुष्पों द्वारा पार्वती-पूजन होने के कारण इसे दमनक तृतीया कहा जाता है।
कथा --
------ इस व्रत का वर्णन अग्निपुराण मे स्वयं अग्निदेव ने किया है।इसलिए इसकी विशिष्ट महत्ता है।
विधि --
------ व्रती प्रातः स्नानादि नित्यकर्म से निवृत्त होकर संकल्प पूर्वक किसी चौकी पर पार्वती जी की प्रतिमा स्थापित करे।उसके बाद गन्धाक्षत आदि से उनकी विधिवत् पूजा कर उपवास करे।पूजन मे दमनक पुष्पों का प्रयोग आवश्यक है।
माहात्म्य --
----------- इस व्रत को करने से पार्वती जी प्रसन्न होकर अपने भक्तों को भोग और मोक्ष की प्राप्ति करा देती हैं।
Saturday, 13 February 2016
दमनक तृतीया व्रत
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