स्कन्दषष्ठी-व्रत चैत्र शुक्ल पक्ष षष्ठी को किया जाता है।इसमे भगवान स्कन्द के पूजन की प्रधानता होने के कारण इसे स्कन्दषष्ठी कहते हैं।
कथा --
------ कुमार कार्तिकेय ( स्कन्द ) का पूजन वर्ष मे दो बार होता है।एक बार शरद ऋतु मे और दुबारा चैत्र मास मे।चैत्र के नवरात्र की पञ्चमी को इनकी माता जी " स्कन्दमाता नामक दुर्गा का पूजन होता है और उसके दूसरे दिन षष्ठी को उनके पुत्र भगवान स्कन्द का पूजन होता है।
विधि --
----- व्रती प्रातः स्नानादि करके किसी चौकी पर भगवान स्कन्द की स्वर्ण-प्रतिमा स्थापित करे।फिर गन्धाक्षत आदि से उनकी विधिवत् पूजन एवं उपवास करे।
माहात्म्य --
----------- इस व्रत को करने से व्रती को भगवान स्कन्द जी की अनुकम्पा सहज ही प्राप्त हो जाती है।यह व्रत समृद्धि एवं सन्तान प्रदायक है।
Sunday, 14 February 2016
स्कन्दषष्ठी-व्रत
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