Thursday, 11 February 2016

मत्स्य-जयन्ती

        मत्स्य-जयन्ती चैत्र शुक्ल पक्ष मे अपराह्न-व्यापिनी तृतीया को मनाई जाती है।
कथा --
------     महर्षि कश्यप की दिति नामक पत्नी से मकर ; हिरण्याक्ष ; हिरण्यकशिपु आदि अनेक पुत्र हुए।इसमे से मकर बहुत बलशाली था।एक बार उसने ब्रह्मा जी से सभी वेद आदि सद्ग्रन्थ छीन लिया और स्वयं महासागर मे प्रविष्ट हो गया।इससे सारा संसार धर्मशून्य हो गया।ब्रह्मा जी ने भगवान विष्णु से निवेदन किया।विष्णु जी ने मत्स्य का रूप धारण कर सागर मे घुसकर मकर का वध कर दिया।उससे वेदों को लेकर ब्रह्मा जी को सौंप दिया।
विधि --
------     मत्स्य जयन्ती मनाने के इच्छुक व्यक्तियों को चाहिए कि वे इस दिन भगवान मत्स्य का विधिवत् पूजन करें और पूर्ण उत्साह के साथ महोत्सव मनाये।
माहात्म्य --
-----------      इस दिन मत्स्य रूप भगवान श्रीहरि का पूजन करने से अपूर्व भगवत्कृपा प्राप्त होती है।

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