चैत्र कृष्ण पक्ष की अन्तिम तिथि को चैत्री अमावस्या कहा जाता है।यह तो सर्वविदित है कि अमावस्या और पूर्णिमा पर्व तिथियाँ हैं।अतः इस दिन गंगा आदि पवित्र नदियों मे स्नान करने का विशेष महत्व है।इस दिन पितृ श्राद्ध अवश्य करना चाहिए।इस दिन अन्न ; गौ ; वस्त्र ; आभूषण ; स्वर्ण आदि का दान तथा ब्राह्मण भोजन कराने से बहुत अधिक पुण्य प्राप्त होता है।देवी-देवताओं का पूजन ; जप ; तप आदि भी बहुत पुण्यदायक माना जाता है।
यदि चैत्री अमावस्या को सोमवार ; मंगलवार या बृहस्पतिवार हो तो बहुत शुभ माना जाता है।इस योग मे दान पुण्य आदि जो भी किया जाता है ; उससे सूर्यग्रहण के समय किये गये दान आदि के समान पुण्यफल प्राप्त होता है।
Tuesday, 9 February 2016
चैत्री अमावस्या
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