दुर्गाष्टमी-व्रत चैत्र शुक्ल अष्टमी को किया जाता है।सामान्यतः नवरात्र पर्यन्त व्रत एवं दुर्गा - पूजन करना चाहिए किन्तु असमर्थता की स्थिति मे अष्टमी तिथि को दुर्गा-पूजा अवश्य करनी चाहिए।
कथा --
देवी भागवत के अनुसार प्राचीन काल मे दक्ष प्रजापति के यज्ञ का विध्वंश करने वाली महाभयानक भगवती भद्रकाली करोड़ो योगिनियों सहित अष्टमी तिथि को प्रकट हुई थीं।इसलिए इस दिन इनका विशिष्ट पूजन करने का विधान है।
विधि ---
व्रती प्रातः स्नानादि से निवृत्त होकर उपवास पूर्वक गन्ध ; पुष्प ; चन्दन आदि से भगवती का पूजन करे।फिर विविध प्रकार के उपहारों एवं पायस - हवन से सन्तुष्ट करे।अन्त मे ब्राह्मण भोजन भी कराये।
माहात्म्य ---
इस दिन दुर्गा-पूजन करने से माता भगवती की अनुकम्पा अवश्य प्राप्त होती है।वे अपने भक्तों की समस्त कामनायें पूर्ण कर देती हैं।
Thursday, 25 February 2016
दुर्गाष्टमी
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