मार्तण्डसप्तमी-व्रत पौष मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को किया जाता है।इसमे भगवान मार्तण्ड अर्थात् सूर्यदेव का पूजन किया जाता है।इसीलिए इसे मार्तण्ड सप्तमी कहा जाता है।
कथा --
प्राचीन काल मे जब विभिन्न देवी-देवताओं के मध्य तिथियों का आबंटन हुआ तब सप्तमी तिथि का स्वामित्व सूर्यदेव को प्राप्त हुआ।इसलिए उन्हें सप्तमी तिथि विशेष प्रिय है।
विधि --
व्रती स्नानादि नित्यकर्म के बाद व्रत का संकल्प ले।फिर गन्ध अक्षत आदि से मार्तण्ड नाम से सूर्यदेव का विधिवत् पूजन करे।पूजनोपरान्त गोदान करे।इस प्रकार एक वर्ष तक प्रत्येक मास की शुक्ला सप्तमी का व्रत करके उद्यापन करे।
माहात्म्य --
यह व्रत भगवान सूर्यनारायण की अनुकम्पा प्राप्त करने के लिए किया जाता है।इससे उत्तम पुण्यफल की प्राप्ति होती है।
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