संसार के प्रत्येक प्राणी को जीवन यापन एवं जीविकोपार्जन के लिए न्यूनाधिक मात्रा मे श्रम करना ही पड़ता है।इस श्रम से उसे थकान की अनुभूति होना स्वाभाविक है।थकान को दूर करने के लिए निद्रा ही सर्वोत्तम साधन है।सुखमय नीद आ जाने पर सम्पूर्ण थकान दूर हो जाती है और जगने पर प्राणी पूर्ण स्वस्थ ; थकान-रहित एवं स्फूर्ति युक्त हो जाता है।
मातेश्वरी दुर्गा जी अत्यन्त दयालु ; भक्तवत्सला एवं पुत्रवत्सला हैं।वे अपने भक्तों एवं सन्तानों की थकान दूर करने के लिए समस्त प्राणियों मे निद्रा रूप मे स्थित हैं।अतः उन्हें बारंबार नमस्कार है --
या देवी सर्वभूतेषु निद्रारूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।
इससे स्पष्ट है कि जिसे अनिद्रा की शिकायत हो या विश्राम की आवश्यकता हो तो उसे जगदम्बा दुर्गा की उपासना अवश्य करनी चाहिए।अन्य उपायों की यह उपाय अधिक सरल और सुलभ है।
Thursday, 29 September 2016
या देवी सर्वभूतेषु निद्रारूपेण संस्थिता --- डाॅ कृष्ण पाल त्रिपाठी
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