Sunday, 4 September 2016

बिल्वाष्टकम्

         शिव-पूजन मे बिल्व पत्र की असीम महत्ता है।बिना बिल्वपत्र चढ़ाये शिव पूजन पूर्ण नहीं होता है।अतः शिव जी को बिल्व पत्र समर्पित करने के लिए निम्नलिखित बिल्वाष्टक प्रस्तुत है ---
   त्रिदलं त्रिगुणाकारं त्रिनेत्रं च त्रिधायुतम्।
   त्रिजन्मपाप-संहारमेकबिल्वं शिवार्पणम्।।
   त्रिशाखैर्बिल्वपत्रैश्च ह्यच्छिद्रैः कोमलैः शुभैः।
   शिवपूजां करिष्यामि ह्येकबिल्वं शिवार्पणम्।।
   अखण्डबिल्वपत्रेण पूजिते नन्दिकेश्वरे।
   शुद्ध्यन्ति सर्वपापेभ्यो ह्येकबिल्वं शिवार्पणम्।।
   शालिग्रामशिलामेकां विप्राणां जातु अर्पयेत्।
   सोमयज्ञ-महापुण्यमेकबिल्वं शिवार्पणम्।।
   दन्तिकोटिसहस्राणि वाजपेयशतानि च।
   कोटिकन्या-महादानमेकबिल्वं शिवार्पणम्।।
   लक्ष्म्याः स्तनत उत्पन्नं महादेवस्य च प्रियम्।
   बिल्ववृक्षं प्रयच्छामि ह्येकबिल्वं शिवार्पणम्।।
   दर्शनं बिल्ववृक्षस्य स्पर्शनं पापनाशनम्।
   अघोर-पाप-संहारमेकबिल्वं शिवार्पणम्।।
   मूलतो ब्रह्मरूपाय मध्यतो विष्णुरूपिणे।
   अग्रतः शिवरूपाय ह्येकबिल्वं शिवार्पणम्।।
   बिल्वाष्टकमिदं पुण्यं यः पठेच्छिवसन्निधौ।
   सर्वपाप-विनिर्मुक्तः शिवलोकमवाप्नुयात्।।
   इति बिल्वाष्टकं सम्पूर्णम्।।

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