डॉ. कृष्ण पाल त्रिपाठी
---------- हिन्दी दिवस -------
प्रिय मित्रो
सस्नेह नमस्ते
आज हिन्दी दिवस है।हिन्दी हमारी राजभाषा है।यह भारत के अधिकाँश प्रान्तों की मातृभाषा भी है।अतः अपनी माता ; मातृभूमि और मातृभाषा के गौरव की रक्षा करना हमारा धर्म है।इस पर हमे भी गौरव की अनुभूति होनी चाहिए।इसलिए हमे प्रत्येक कार्य मे हिन्दी का अधिकाधिक प्रयोग करना चाहिए।केवल हिन्दी दिवस मनाने से काम नहीं चलेगा।इसका गौरव तो तब बढ़ेगा ; जब हम दैनिक कार्यों मे इसका प्रयोग करेंगे।
यहाँ मेरा अभिप्राय यह नहीं है कि आप दूसरी भाषा को न जाने अथवा उसका प्रयोग न करें।दूसरी भाषाओं को जानना या पढ़ना अच्छी बात है।परन्तु उसे अपनी राजभाषा या मातृभाषा के बराबर स्थान प्रदान करना उचित नहीं है।दूसरी भाषाओं को भी उचित सम्मान देना चाहिए।किन्तु राजभाषा या मातृभाषा का स्थान एवं सम्मान सर्वोपरि है।हमे उसके सम्मान को अक्षुण्ण बनाये रखने का हर संभव प्रयास करना चाहिए।
आज हिन्दी दिवस के पावन पर्व पर हम सब को संकल्प लेना चाहिए कि आज से अपने सभी अथवा अधिकाधिक कार्य हिन्दी मे करेंगे।हिन्दी के प्रचार प्रसार मे पूर्ण सहयोग करेंगे।साथ ही इसको प्रगति एवं लोकप्रियता के शिखर तक पहुँचाने का भी प्रयास करेंगे।यदि हम ऐसा करें ; तभी हिन्दी दिवस मनाने की सार्थकता सिद्ध होगी।
Wednesday, 14 September 2016
हिन्दी दिवस
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