Friday, 2 September 2016

विष्णु पूजन विधि -- डाॅ कृष्ण पाल त्रिपाठी

           एकादशी व्रत आदि के अवसरों पर विष्णु-पूजन की आवश्यकता पड़ती है।इस समय इस कार्य के लिए अनेक पुस्तकें उपलब्ध हैं।परन्तु उनका प्रयोग करने के लिए अच्छे विद्वान की आवश्यकता होती है।यह सुविधा हर स्थान पर उपलब्ध नहीं हो पाती है।ऐसी स्थितियों मे नाम मन्त्र के द्वारा ही पूजन कार्य करना चाहिए।बिना पूजन के व्रत आदि अधूरे रह जाते हैं।भगवत्पूजन आवश्यक है।इसलिए यहाँ विष्णु-पूजन का एक साधारण सा क्रम दिया जा रहा है ; जिसके आधार पर संक्षिप्त पूजन किया जा सकता है।
ध्यान --- भगवान की प्रतिमा के समक्ष शुभासन पर बैठकर हाथ मे पुष्प लेकर भगवान का ध्यान करना चाहिए।विष्णु पूजन मे अक्षत वर्जित है।इसलिए अक्षत नहीं लेना चाहिए।केवल पुष्प लेकर ध्यान करें ----
   उद्यदादिव्यसंकाशं  पीतवाससमच्युतम्।
   शंख-चक्र-गदा-पाणिं ध्यायेल्लक्ष्मीपतिं हरिम्।।
----- इसे पढ़कर पुष्प को भगवान को समर्पित कर दें।
आवाहन --- एक पुष्प लेकर ---  " ऊँ विष्णवे नमः आवाहनार्थे पुष्पं समर्पयामि।" पुष्प को भगवान को समर्पित कर दें।
आसन ---- एक पुष्प लेकर ---  " ऊँ विष्णवे नमः आसनार्थे पुष्पं समर्पयामि। " पुष्प समर्पित कर दें।
पाद्य आदि ---- प्रतिमा पर चार बार जल चढ़ायें ---- " ऊँ विष्णवे नमः पाद्यं अर्घ्यं आचमनीयं स्नानीयं च जलं समर्पयामि।"
दुग्ध स्नान -- ऊँ विष्णवे नमः पयः स्नानं समर्पयामि।
शुद्धोदक स्नान ---- जल से स्नान करायें -- ऊँ विष्णवे नमः शुद्धोदक स्नानं समर्पयामि।
दधि स्नान --- ऊँ विष्णवे नमः दधिस्नानं समर्पयामि।शुद्धोदक स्नान --- पूर्ववत्।
घृतस्नान --- ऊँ विष्णवे नमः घृतस्नानं समर्पयामि।शुद्धोदक स्नानं पूर्ववत्।
मधुस्नान ---- ऊँ विष्णवे नमः मधुस्नानं समर्पयामि।शुद्धोदक स्नान पूर्ववत्।
शर्करा स्नान ---- ऊँ विष्णवे नमः शर्करा स्नानं समर्पयामि।शुद्धोदक स्नान पूर्वत्।
पञ्चामृत स्नान --- ऊँ विष्णवे नमः पञ्चामृत स्नानं समर्पयामि।शुद्धोदक स्नान पूर्ववत्।
वस्त्रोपवस्त्र ---- यदि वस्त्र एवं गमछा हो तो भगवान को अर्पित करें।अन्यथा कलावा ही अर्पित करें -- ऊँ विष्णवे नमः वस्त्रोपवस्त्रं समर्पयामि।तदर्थे रक्षासूत्रं समर्पयामि।
आचमन हेतु जल छोड़ें।
यज्ञोपवीत --- ऊँ विष्णवे नमः यज्ञोपवीतं समर्पयामि।पुनः आचमन करायें।
चन्दन ---- ऊँ विष्णवे नमः चन्दनं विलेपयामि।
कुंकुम रोली ---- ऊँ विष्णवे नमः कुंकुमं समर्पयामि।
इत्र आदि सुगन्धित द्रव्य --- ऊँ विष्णवे नमः सुगन्धि-द्रव्यं समर्पयामि।
पुष्प ---- ऊँ विष्णवे नमः पुष्पाणि समर्पयामि।
तुलसी दल ---- ऊँ विष्णवे नमः तुलसीदलं समर्पयामि।
धूप ---- ऊँ विष्णवे नमः धूपमाघ्रापयामि।
दीप ---- ऊँ विष्णवे नमः दीपं दर्शयामि।
नैवेद्य ----- हाथ धुलकर  ऊँ विष्णवे नमः नैवेद्यं नैवेदयामि।
आचमन --- तीन बार जल छोड़ें --आचमनीयं प्रत्याचमनीयं शुद्धाचमनीयं जलं समर्पयामि।
फल ---- ऊँ विष्णवे नमः ऋतुफलं समर्पयामि।
आचमन हेतु पुनः तीन बार जल छोड़ें।
ताम्बूल ----- सुपाड़ी पान लौंग इलायची आदि -- ऊँ विष्णवे नमः मुखशुद्ध्यर्थं ताम्बूल पूगीफलं च समर्पयामि।
दक्षिणा ---- ऊँ विष्णवे नमः दक्षिणां समर्पयामि।
प्रार्थना ---- हाथ मे पुष्प लेकर अंजली बाँधकर --
   शान्ताकारं भुजनशयनं पद्मनाभं सुरेशं
         विश्वाधारं गगनसदृशं मेघवर्णं शुभांगम्।
   लक्ष्मीकान्तं कमलनयनं योगिभिर्ध्यानगम्यं
        वन्दे विष्णुं भवभयहरं सर्वलोकैकनाथम्।।
---- ऊँ विष्णवे नमः ; क्षेमकर्ता ; पुष्टिकर्ता ; तुष्टिकर्ता भव।
अर्घ्य --- दोना मे जल हल्दी द्रव्य आदि डालकर -- ऊँ विष्णवे नमः अर्घ्यं समर्पयामि।
पुष्पाञ्जलि ----- अंजली मे पुष्प भर कर -- ऊँ विष्णवे नमः पुष्पाञ्जलिं समर्पयामि।
आरती ----- ऊँ विष्णवे नमः आरार्तिक्यं समर्पयामि।
प्रसाद --- भगवान को निवेदित प्रसाद ग्रहण करें।
मन्त्र जप --- इसके बाद  " ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय नमः " मन्त्र का जप करें।

No comments:

Post a Comment