प्राचीन भारतीय मनीषियों ने मानव के सर्वविध कल्याण हेतु नाना प्रकार के व्रतों का उल्लेख किया है।इन्हीं मे से ऋतु-व्रत भी एक महत्त्व पूर्ण व्रत है।अग्निपुराण के अनुसार जो व्यक्ति वर्षा ; शरद् ; हेमन्त और शिशिर ऋतु मे लकड़ी आदि इन्धन का दान करता है ; वह दूसरे जन्म मे श्रेष्ठ ब्राह्मण कुल मे जन्म लेता है।इसे अग्नि व्रत कहा जाता है।वस्तुतः उपर्युक्त ऋतुओं मे सन्त महात्माओं को इन्धन की विशेष आवश्यकता होती है।इसीलिए इस समय इन्धन दान करने की बात कही गयी है।इससे दान दाता को पुण्यलाभ और दान प्राप्तकर्ता के आवश्यकता की पूर्ति हो जाती है।अतः सभी आस्तिक जनों को इसका लाभ उठाना चाहिए।
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