Thursday, 8 September 2016

तुलसी पूजन -- डाॅ कृष्ण पाल त्रिपाठी

          सम्पूर्ण वनस्पतियों मे तुलसी की महत्ता सर्वोपरि है।यह अत्यन्त पवित्र एवं पुण्यदायिनी है।इसके आठ नाम हैं -- वृन्दा ; वृन्दावनी ; विश्वपूजिता ; विश्वपावनी ; पुष्पसारा ; नन्दिनी ; तुलसी और कृष्णजीवनी।इन आठ नामों का स्मरण करने अथवा उनके नामाष्टक स्तोत्र का करने से बहुत पुण्य होता है।
         तुलसी जी कार्तिक पूर्णिमा को प्रकट हुई थीं।इसलिए उस दिन इनके पूजन अर्चन का विशेष महत्त्व है।जो व्यक्ति उस दिन तुलसी की पूजा करता है ; वह समस्त पापों से मुक्त होकर विष्णुलोक को प्राप्त करता है।जो व्यक्ति कार्तिक मास भर भगवान विष्णु को तुलसीदल अर्पित करता है ; उसे दस सहस्र गोदान का पुण्यफल प्राप्त होता है।
             तुलसी पूजन के लिए किसी विशेष वस्तु या विधि की आवश्यकता नहीं है।सीधे तुलसी के वृक्ष मे स्नान ; चन्दन ; पुष्प आदि से पूजन करना चाहिए।उन्हें दीपदान अवश्य करना चाहिए।तुलसी पूजन से मनुष्य के सभी पाप भस्म हो जाते हैं और उसे असीम सुख की प्राप्ति होती है।अतः सभी को तुलसी पूजन अवश्य करना चाहिए।

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