सनातन परंपरा मे सात की संख्या का अत्यधिक महत्व है।इसीलिए अनेक व्यक्तियों ; वस्तुओं एवं स्थानों को सात सात के वर्ग मे व्यवस्थित किया गया है।इसका संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है ---
1-- सप्त ऋषिवर्ग -- ब्रह्मर्षि ; देवर्षि ; महर्षि ; परमर्षि ; काण्डर्षि ; श्रुतर्षि एवं राजर्षि।
2-- सप्तर्षि -- वसिष्ठ ; काश्यप ; अत्रि ; जमदग्नि ; गौतम ; विश्वमित्र और भरद्वाज।
3-- सप्त ऊर्ध्वलोक -- भूर्लोक ; भुवर्लोक ; स्वर्लोक ; महर्लोक ; जनलोक ; तपलोक और सत्यलोक।
4-- सप्त अधोलोक - अतल ; वितल ; नितल ; गभस्तिमान् ; महातल ; सुतल और पाताल।
5-- सप्त छन्द -- गायत्री ; वृहती ; उष्णिक् ; जगती ; त्रिष्टुप् ; अनुष्टुप् एवं पंक्ति।
6-- सप्त कुलपर्वत -- महेन्द्र ; मलय ; सह्य ; शक्तिमान ; ऋक्ष ; विन्ध्य और पारियात्र।
7-- सप्त द्वीप -- जम्बूद्वीप ; प्लक्षद्वीप ; शाल्मलद्वीप ; कुशद्वीप ; क्रौञ्चद्वीप ; शाकद्वीप और पुष्कर द्वीप।
8-- सप्त सागर -- खारे जल ; इक्षुरस ; मदिरा ; घृत ; दधि ; दुग्ध( क्षीर ) तथा मीठे जल का समुद्र।
9-- सप्त स्वर -- षडज ; ऋषभ ; गान्धार ; मध्यम ; पञ्चम ; धैवत तथा निषाद।
10-- सूर्यरथ के सप्ताश्व -- गायत्री ; वृहती ; उष्णिक् ; जगती ; त्रिष्टुप् ; अनुष्टुप् और पंक्ति।
11-- सप्तवार -- सोमवार ; मूगल ; बुध ; बृहस्पति ; शुक्र और शनिवार।
12-- सूर्य की सप्त रश्मियाँ -- सुषुम्णा ; सुरादना ; उदन्वसु ; विश्वकर्मा ; उदावसु ; विश्वव्यचा तथा हरिकेश।
13-- सप्त मोक्षदायिनी पुरी -- अयोध्या ; मथुरा ; माया ( हरिद्वार ) ; काशी ; काञ्ची ; अवन्तिका तथा द्वारावती।
14-- सप्त बदरी -- आदिबदरी ; ध्यानबदरी ; वृद्धबदरी ; भविष्यबदरी ; नृसिंहबदरी तथा प्रधानबदरी।
15-- सप्तक्षेत्र -- कुरुक्षेत्र ; हरिहर क्षेत्र ; प्रभासक्षेत्र ; भृगुक्षेत्र ; पुरुषोत्तम क्षेत्र ; नैर्मिषक्षेत्र तथा गयाक्षेत्र।
16-- सप्तनदी -- गंगा ; यमुना ; गोदावरी ; सिन्धु ; सरस्वती ; कावेरी और नर्मदा।
17-- सप्त योग -- ज्ञान ; कर्म ; भक्ति ; ध्यान ; राज ; हठ एवं सहज।
18-- सप्तग्रह - सूर्य ; चन्द्र ; मंगल ; बुध ; बृहस्पति ; शुक्र और शनि।
19-- सप्त समिधा -- अर्क ; पलाश ; खदिर ; अपामार्ग ; पीपल ; गूलर तथा शमी।
20-- सप्तवर्ग मरुद्गण -- मरुद्गण सात वर्ग मे विभक्त हैं।
21-- सप्तशती -- दुर्गा सप्तशती ; बिहारी सतसई आदि।
22-- सप्त परिधि -- यज्ञवेदी मे सात परिधि बनाई जाती हैं।
23-- सप्तपदी -- विवाह संस्कार की एक प्रमुख क्रिया।
24 --सप्तकाण्ड -- बाल ; अयोध्या ; अरण्य ; किष्किन्धा ; सुन्दर ; लंका एवं उत्तरकाण्ड।
Monday, 11 April 2016
सप्त संख्या माहात्म्य -- डाॅ कृष्ण पाल त्रिपाठी
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