Wednesday, 6 April 2016

नव वर्षारम्भ अश्विनी मे -- डाॅ कृष्ण पाल त्रिपाठी

           ब्रह्मा जी ने सृष्टि का आरम्भ चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा को किया था।उस दिन अश्विनी नक्षत्र तथा अग्रिम पूर्णिमा को चित्रा नक्षत्र था।संयोगवश इस वर्ष भी चैत्र शुक्ला प्रतिपदा को अश्विनी एवं पूर्णिमा को चित्रा नक्षत्र है।
           अश्विनी नक्षत्र के स्वामी अश्विनी कुमार हैं।वे देवताओं के वैद्य हैं।अतः इस वर्ष देश वैद्यक के क्षेत्र मे उल्लेखनीय प्रगति करेगा।किसी न किसी उत्तम जीवन-रक्षक औषधि का आविष्कार अवश्य होगा।राजा मंत्री क्रमशः शुक्र और बुध होने से यह वर्ष बहुत शुभ होगा।यद्यपि रोहिणी का निवास पर्वत पर होने से अल्पवृष्टि का योग है ; परन्तु सम्वत्सर का निवास कुम्भकार के घर मे होने तथा समय का वाहन हाथी होने से अच्छी वर्षा का योग बन रहा है।इससे सुभिक्ष एवं प्रजा-सुख उत्तम रहेगा।
          इस वर्ष आर्द्रा नक्षत्र मे सूर्य का प्रवेश द्वितीया बुधवार को होने से सुभिक्ष ; सुवृष्टि एवं धान्य वृद्धि का योग है।इस प्रकार यह सम्वत्सर कई दृष्टियों से शुभद एवं मंगलमय होने की संभावना है।ईशकृपा तो सर्वोपरि होती ही है।

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