Wednesday, 13 April 2016

एक सौ आठ सिद्धपीठ -- डाॅ कृष्ण पाल त्रिपाठी

          देवी भागवत महापुराण से ज्ञात होता है कि दक्ष प्रजापति के यज्ञ मे भगवान शिव जी का भाग न देखकर सती जी अत्यन्त क्रुद्ध हुईं।उन्होंने योगाग्नि द्वारा अपना शरीर भस्म कर दिया।सूचना मिलने पर शिव जी गये और सती जी का शरीर अपने कन्धे पर उठाकर भ्रमितचित्त होकर प्रलयंकर रूप धारण कर लिया।वे मृत शरीर लिए हुए इधर-उधर भ्रमण करने लगे।इसे देखकर देवगण भयभीत हो गये।उस समय विष्णु भगवान ने अपने अमोघ अस्त्र द्वारा सती जी के अंगों को काटकर पृथ्वी पर गिरा दिया।वे अंग जहाँ-जहाँ गिरे उन-उन स्थानो पर शिव जी अनेक विग्रह धारण कर प्रकट हो गये।सती जी भी उन स्थलों पर अपने अंगों मे साक्षात् विराजमान रहती हैं।ये सभी स्थान सिद्धपीठ के रूप मे प्रसिद्ध हो गये।उन स्थानो एवं वहाँ की देवियों के नाम इस प्रकार हैं --
1-- वाराणसी मे वे विशालाक्षी के नाम से प्रतिष्ठित हैं।
2-- नैमिषारण्य क्षेत्र मे लिंगधारिणी के नाम से हैं।
3-- प्रयाग मे लिलिता नाम से हैं।
4-- गन्धमादन पर्वत पर कामुकी नाम से हैं।
5-- मानसरोवर मे कुमुदा नाम से हैं।
6-- उत्तर मानसरोवर मे विश्वकामा नाम से हैं।
7-- गोमन्त पर गोमती नाम से हैं।
8-- मन्दराचल पर कामचारिणी नाम से हैं।
9-- चैत्ररथ मे मदोत्कटा नाम से हैं।
10-- हस्तिनापुर मे जयन्ती नाम से हैं।
11-- कान्यकुब्ज मे गौरी नाम से हैं।
12-- मलयाचल पर रम्भा नाम से हैं।
13-- एकाम्रपीठ पर कीर्तिमती नाम से हैं।
14-- विश्वपीठ पर विश्वेश्वरी नाम से हैं।
15-- पुष्कर मे पुरुहूता नाम से हैं।
16-- केदारपीठ मे सन्मार्गदायिनी नाम से हैं।
17-- हिमवत्पृष्ठ पर मन्दा नाम से हैं।
18-- गोकर्ण मे भद्रकर्णिका नाम से हैं।
19-- स्थानेश्वर मे भवानी नाम से हैं।
20-- बिल्वक मे बिल्वपत्रिका नाम से हैं।
21-- श्रीशैल मे माधवी नाम से हैं।
22-- भद्रेश्वर मे भद्रा नाम से हैं।
23-- वराहपर्वत पर जया नाम से हैं।
24-- कमलालय मे कमला नाम से हैं।
25-- रुद्रकोटि मे रुद्राणी नाम से हैं।
26-- कालिंजर मे काली नाम से हैं।
27-- शालग्राम मे महादेवी नाम से हैं।
28-- शिवलिंग मे जलप्रिया नाम से हैं।
29-- महालिंग मे कपिला नाम से हैं।
30-- माकोट मे मुकुटेश्वरी नाम से हैं।
31-- मायापुरी मे कुमारी नाम से हैं।
32-- सन्तानपीठ मे ललिताम्बिका नाम से हैं।
33-- गया मे मंगला नाम से हैं।
34-- पुरुषोत्तम क्षेत्र मे विमला नाम से हैं।
35-- सहस्राक्ष मे उत्पलाक्षी नाम से हैं।
36-- हिरण्याक्ष मे महोत्पला नाम से हैं।
37-- विपाशा मे अमोघाक्षी नाम से हैं।
38-- पुण्ड्रवर्धन मे पाडला नाम से हैं।
39-- सुपार्श्व मे नारायणी नाम से हैं।
40-- त्रिकूट मे रूपसुन्दरी नाम से हैं।
41-- विपुलक्षेत्र मे विपुला नाम से हैं।
42-- मलयाचल पर कल्याणी नाम से हैं।
43-- सह्याद्रि पर्वत पर एकवीरा नाम से हैं।
44-- हरिश्चन्द्र मे चन्द्रिका नाम से हैं।
45-- रामतीर्थ मे रमणा नाम से हैं।
46-- यमुना मे मृगावती नाम से हैं।
47-- कोटतीर्थ मे कोटवी नाम से हैं।
48-- माधव वन मे सुगन्धा नाम से हैं।
49-- गोदावरी मे त्रिसन्ध्या नाम से हैं।
50-- गंगाद्वार मे रतिप्रिया नाम से हैं।
51-- शिवकुण्ड मे शुभानन्दा नाम से हैं।
52-- देविकातट पर नन्दिनी नाम से हैं।
53-- द्वारका मे रुक्मिणी नाम से हैं।
54-- वृन्दावन मे राधा नाम से हैं।
55-- मथुरा मे देवकी नाम से हैं।
56-- पाताल मे परमेश्वरी नाम से हैं।
57-- चित्रकूट मे सीता नाम से हैं।
58-- विन्ध्याचल मे विन्ध्यवासिनी नाम से हैं।
59-- करवीरक्षेत्र मे महालक्ष्मी नाम से हैं।
60-- विनायक क्षेत्र मे उमा नाम से हैं।
61-- वैद्यनाथ धाम मे आरोग्या नाम से हैं।
62-- महाकाल मेहेश्वरी नाम से हैं।
63-- उष्णतीर्थों मे अभया नाम से हैं।
64-- विन्ध्यपर्वत पर नितम्बा नाम से हैं।
65-- माण्डव्य क्षेत्र मे माण्डवी नाम से हैं।
66-- माहेश्वरी पुर मे स्वाहा नाम से हैं।
67-- छगलण्ड मे प्रचण्डा नाम से हैं।
68-- अमरकोट मे चण्डिका नाम से हैं।
69-- सोमेश्वर मे वरारोहा नाम से हैं।
70-- प्रभास क्षेत्र मे पुष्करावती नाम से हैं।
71-- सरस्वती तीर्थ मे देवमाता नाम से हैं।
72-- समुद्र तट पर पारावारा नाम से हैं।
73-- महालय मे महाभागा नाम से हैं।
74-- पयोष्णी मे पिंगलेश्वरी नाम से हैं।
75-- कृतशौच क्षेत्र मे सिंहिका नाम से हैं।
76-- कार्तिक क्षेत्र मे अतिशांकरी नाम से हैं।
77-- उत्पलावर्तक मे लोला नाम से हैं।
78-- सोनभद्र नद के संगम पर सुभद्रा नाम से हैं।
79-- सिद्धवन मे लक्ष्मी नाम से हैं।
80-- भरताश्रम तीर्थ मे अनंगा नाम से हैं।
81-- जालन्धर पर्वत पर विश्वमुखी नाम से हैं।
82-- किष्किन्धा पर्वत पर तारा नाम से हैं।
83-- देवदारु वन मे पुष्टि नाम से हैं।
84-- काश्मीर मण्डल मे मेधा नाम से हैं।
85-- हिमाद्रि पर भीमा नाम से हैं।
86-- विश्वेश्वर क्षेत्र मे तुष्टि नाम से हैं।
87-- कपालमोचन तीर्थ मे शुद्धि नाम से हैं।
88-- कामावरोहण तीर्थ मे माता नाम से हैं।
89-- शंखोद्धार तीर्थ मे धारा नाम से हैं।
90-- पिण्डारक तीर्थ मे धृति नाम से हैं।
91-- चन्द्रभागा नदी के तट पर कला नाम से हैं।
92-- अच्छोद क्षेत्र मे शिवधारिणी नाम से हैं।
93-- वेणा नदी के किनारे अमृता नाम से हैं।
94-- बदरी वन मे उर्वशी नाम से हैं।
95-- उत्तर कुरुप्रदेश मे औषधि नाम से हैं।
96-- कुशद्वीप मे कुशोदका नाम से हैं।
97-- हेमकूट पर्वत पर मन्मथा नाम से हैं।
98-- कुमुद वन मे सत्यवादिनी नाम से हैं।
99-- अश्वत्थ तीर्थ मे वन्दनीया नाम से हैं।
100-- वैश्रवणेलय क्षेत्र मे निधि नाम से हैं।
101-- वेदवदन तीर्थ मे गायत्री नाम से हैं।
102-- भगवान शिव के सान्निध्य मे पार्वती नाम से हैं।
103-- देवलोक मे इन्द्राणी नाम से हैं।
104-- ब्रह्मा के मुख मे सरस्वती नाम से हैं।
105-- सूर्य-बिम्ब मे प्रभा नाम से हैं।
106-- मातृकाओं मे वैष्णवी नाम से हैं।
107-- सतियों मे अरुन्धती नाम से हैं।
108-- अप्सराओं मे तिलोत्तमा नाम से हैं।
सभी शरीर धारियों मे वे ब्रह्मकला के नाम से प्रसिद्ध हैं।

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