पुराणों की रचना भगवान वेदव्यास ने किया था।उनका आविर्भाव आज से पाँच हजार वर्ष पूर्व हुआ था।उन्होंने पुराणों मे पृथ्वी पर स्थित द्वीपों ; देशों ; नदियों ; समुद्रों ; पर्वतों आदि का सुन्दर वर्णन किया है।विष्णुपुराण के अनुसार इस भूमण्डल पर सात द्वीप हैं ; जो इस प्रकार हैं --
1-- जम्बूद्वीप -- यह सभी द्वीपों के मध्य मे स्थित है।यहाँ एक विशाल जम्बू ( जामुन ) का वृक्ष है।इसीलिए इसे जम्बूद्वीप कहा जाता है।इसी द्वीप मे भारत वर्ष स्थित है।
2-- प्लक्षद्वीप -- यह जम्बू द्वीप से दोगुना बड़ा है।यहाँ एक महान प्लक्ष ( पाकर ) का वृक्ष होने के कारण इसे प्लक्षद्वीप कहा जाता है।यह द्वीप जम्बू द्वीप के चारों ओर स्थित समुद्र के उस पार स्थित है।यहाँ के निवासी बहुत पुण्यवान हैं।यहाँ विष्णु जी का पूजन प्रचलित है।
3--शाल्मल द्वीप --यह द्वीप प्लक्षद्वीप के चारो ओर स्थित समुद्र के उस पार स्थित है।यहाँ एक महान शाल्मल ( सेमल ) का वृक्ष होने से इसका नाम शाल्मलद्वीप है।यहाँ के पर्वतों मे" द्रोणाचल "का नाम बहुत प्रसिद्ध है।इस असंख्य औषधीय पौधे उपलब्ध हैं।
4-- कुशद्वीप -- यह द्वीप शाल्मलद्वीप के चारो ओर स्थित समुद्र के उस पार स्थित है।यहाँ एक महान कुश की झाड़ होने के कारण इसे कुशद्वीप कहा जाता है।यहाँ के पर्वतों मे "मन्दराचल"का नाम सर्वाधिक प्रसिद्ध है।यहाँ देव दानव यक्ष गन्धर्व आदि एक साथ रहते हैं।
5-- क्रौञ्चद्वीप -- यह द्वीप कुशद्वीप को घेरने वाले समुद्र के दूसरे तट पर स्थित है।यहाँ अनेक पर्वत नदी आदि विख्यात हैं।यहाँ रुद्ररूपी भगवान विष्णु का पूजन होता है।यहाँ के पर्वतों मे दुन्दुभि का नाम विशेष उल्लेखनीय है।
6-- शाक द्वीप-- यह द्वीप क्रौञ्चद्वीप के चारो ओर स्थित समुद्र के उस पार स्थित है।यहाँ एक महान शाकवृक्ष है।उसी के आधार पर इसे शाकद्वीप कहा जाता है।यहाँ सूर्यरूपी विष्णु का पूजन होता है।सुप्रसिद्ध "उदयाचल "पर्वत इसी द्वीप मे स्थित है।
7-- पुष्करद्वीप -- यह द्वीप शाकद्वीप के चारों ओर स्थित समुद्र के दूसरी ओर स्थित है।यहाँ एक वटवृक्ष मे ब्रह्मा जी का आवास मानकर उनकी पूजा होती है।यहाँ एक मात्र मानसोत्तर नामक पर्वत है।यहाँ मनुष्य और देवता एक समान रूप एवं वेश वाले होते हैं।यहाँ के निवासी राग-द्वेष आदि से सर्वथा रहित होते हैं।
Tuesday, 12 April 2016
सात द्वीप -- डाॅ कृष्ण पाल त्रिपाठी
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