Saturday, 2 April 2016

ब्रह्मा जी की आयु --- डाॅ कृष्ण पाल त्रिपाठी

           त्रिदेवों मे ब्रह्मा जी का महत्वपूर्ण स्थान है।वे इस सृष्टि के रचयिता एवं भाग्यविधाता हैं।प्राणियों की आयु निर्धारित करने मे उनकी अहं भूमिका है।इतने महनीय देवता होते हुए भी अन्य प्राणियों की भाँति उनकी भी आयु निर्धारित है।इस सन्दर्भ मे बताया गया है कि उनके अपने परिमाण से उनकी आयु सौ वर्ष की होती है।अतः यहाँ उनकी आयु की गणना करने का प्रयास किया जा रहा है।
            हम लोगों के वर्ष को मानव-वर्ष कहा जाता है।इस हिसाब से कलियुग चार लाख बत्तीस हजार वर्षों का ; द्वापर आठ लाख चौंसठ हजार वर्षों का ; त्रेता बारह लाख छियानबे हजार वर्षों का और सत्ययुग सत्रह लाख अट्ठाईस हजार वर्षों का होता है।इन चारों युगों के वर्षों का योग तैंतालीस लाख बीस हजार वर्ष होता है।इसी को एक चतुर्युग कहा जाता है।
          ये चारों युग जब एक हजार बार व्यतीत हो जाते हैं तब ब्रह्मा जी का एक दिन होता है।इस प्रकार ब्रह्मा जी के एक दिन मे 4320000×1000=4320000000 ( चार अरब बत्तीस करोड़ ) वर्ष होते हैं।उनकी रात्रि भी इतने ही वर्षों की होती है।अतः उनके एक दिन-रात मे 4320000000+4320000000=8640000000 ( आठ अरब चौंसठ करोड़ )  वर्ष होते हैं।उनका एक वर्ष 8640000000×360=3110400000000 ( एकतीस खरब ; दस अरब ; चालीस करोड़  ) वर्षों का होता है।उनकी आयु सौ वर्षों की है।अतः उनकी कुल आयु 3110400000000×100=311040000000000 (एकतीस नील ; दस खरब ; चालीस अरब ) वर्षों की होती है।

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