Saturday, 16 April 2016

चार ग्रह वक्री हो रहे हैं -- डाॅ कृष्ण पाल त्रिपाठी

           इस समय प्रकृति नितान्त क्रुद्ध एवं क्षुब्ध है।नित्य नवीन प्राकृतिक घटनायें घट रही हैं।गर्मी अपने चरम पर है।पेड़ ; पौधे ; नदी ; नाले सूखते जा रहे हैं।भूकम्पों से धरती हिल रही है।इसी बीच ग्रहों की चाल भी किसी अप्रत्याशित शुभाशुभ घटना का संकेत कर रही है।
           ज्योतिष की दृष्टि से मंगल और शनि वर्षारम्भ के पूर्व से ही वक्र गति से चल रहे हैं।मंगल भी 13 अप्रैल 2016 से वक्री हो गया है।आगामी 27 अप्रैल से बुध भी वक्री हो जायेगा।इस प्रकार सात मे से चार ग्रह वक्री गति वाले हो जायेंगे।इस प्रकार का विचित्र संयोग बहुत कम देखने को मिलता है।यह चौकड़ी तब भंग होगी ; जब 12 मई 2016 को गुरु वक्री गति को त्याग कर मार्गी होगा।इस प्रकार 27-04-2016 से 12-04-2016 तक चार ग्रह वक्री रहेंगे।
          इस प्रकार का संयोग बहुत कम दिखाई पड़ता है।यह विचित्र संयोग किसी अप्रत्याशित घटना का संकेत भी हो सकती है।अतः समस्त सम्मानित ज्योतिर्विदों को इसके प्रभावों पर गहन अध्ययन कर कोई ठोस निष्कर्ष निकालना चाहिए।साथ ही किसी अनिष्ट की आशंका से बचने के लिए उचित उपाय भी बतलाना चाहिए।

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