Tuesday, 4 October 2016

माता भवानी -- डाॅ कृष्ण पाल त्रिपाठी

        श्रीदुर्गा सप्तशती के अष्टम अध्याय मे माता भवानी की स्तुति करते हुए उनके दिव्य स्वरूप को प्रस्तुत किया गया है।वे मातेश्वरी जी अणिमा आदि सिद्धिमयी किरणों से आवृत हैं।उनके शरीर का रंग लाल है।अर्थात् उनका शरीर रक्ताभ गौर वर्णीय है।उनके नेत्रों मे करुणा का असीम सागर लहरा रहा है।उनके करकमलों मे पाश ; अंकुश ; बाण और धनुष सुशोभित हो रहे हैं।ऐसे दिव्य स्वरूप वाली जगदम्बा भवानी का मै ध्यान करता हूँ ---
   ऊँ अरुणां करुणातरङ्गिताक्षीं
         धृतपाशाङ्कुशबाणचापहस्ताम्।
   अणिमादिभिरावृतां मयूखै--
         रहमित्येव विभावये भवानीम्।।

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