मातेश्वरी दुर्गा जी परम वरदायिनी देवी हैं।ये अपने भक्तों के समस्त शत्रुओं को भयभीत करके भक्तों को अभय होने का वरदान देती हैं।आपका बल-पराक्रम अतुलनीय है।संसार का कोई भी प्राणी आपके बल-पौरुष की समानता नहीं कर सकता है।आपकी सर्वाधिक उल्लेखनीय विशेषता यह है कि आपके हृदय मे कृपा और युद्ध मे निष्ठुरता का अद्भुत संगम पाया जाता है।ये अपने शत्रुओं पर भी कृपा करने वाली हैं क्योंकि ये जिसका वध करती हैं ; उनका उद्धार कर देती हैं।ऐसी विशेषता अन्यत्र दुर्लभ ही है।अतः ऐसी परम वरदायिनी भगवती दुर्गा को बारंबार नमस्कार है ----
केनोपमा भवतु तेऽस्य पराक्रमस्य
रूपं च शत्रुभयकार्यतिहारि कुत्र।
चित्ते कृपा समरनिष्ठुरता च दृष्टा
त्वय्यैव देवि वरदे भुवनत्रयेऽपि।।
Friday, 7 October 2016
वरदायिनी दुर्गा देवी -- डाॅ कृष्ण पाल त्रिपाठी
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