Friday, 7 October 2016

सदाऽऽर्द्रचित्ता दुर्गा जी -- डाॅ कृष्ण पाल त्रिपाठी

           मातेश्वरी दुर्गा देवी की असंख्य विशेषताओं मे उनकी दयालुता विशेष उल्लेखनीय है।वे इतनी दयालु हैंकि उनका नाम स्मरण मात्र करने से वे प्रसन्न हो जाती हैं और समस्त प्राणियों का भय हर लेती हैं।वे अपने भक्तों को पूर्ण निर्भयता का वरदान दे देती हैं।जो व्यक्ति श्रद्धा और भक्ति के साथ उनका स्मरण करता है ; उसे परम कल्याणमयी बुद्धि प्रदान कर देती हैं।वे अपने भक्तों के समस्त दुःखों को दूर कर उसे पूर्ण दुःखमुक्त बना देती हैं।दरिद्रता और भय दूर करना तो उनका स्वभाव ही है।वास्तव मे मातेश्वरी दुर्गा के अतिरिक्त संसार मे कोई ऐसा प्राणी नहीं है ; जिसका चित्त सबका उपकार करने के लिए सदैव दयार्द्र रहता हो।एकमात्र आपका ही हृदय परोपकार के लिए सदैव दया से भरा रहता है।केवल आपकी ही दयालुता और परोपकारिता जगविदित है ---
   दुर्गे स्मृता हरसि भीतिमशेषजन्तोः
            स्वस्थैः स्मृता मतिमतीव शुभां ददासि।
   दारिद्र्यदुःखभयहारिणि का त्वदन्या
         सर्वोपकारकरणाय सदाऽऽर्द्रचित्ता।।

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