Sunday, 2 October 2016

या देवी सर्वभूतेषु वृत्तिरूपेण संस्थिता -- डाॅ कृष्ण पाल त्रिपाठी

           यह तो सर्वविदित है कि जीवन निर्वाह के लिए धन नितान्त आवश्यक है।धन की प्राप्ति किसी न किसी वृत्ति के द्वारा ही संभव है।वह वृत्ति नौकरी ; व्यवसाय आदि किसी भी रूप मे हो सकती है।आजकल तो वृत्ति प्राप्ति की भारी समस्या है।प्रत्येक नौ जवान वृत्ति की खोज मे दर बदर की ठोकरें खा रहा है।फिर भी वृत्ति की प्राप्ति नहीं हो पाती है।ऐसी स्थिति मे प्रत्येक व्यक्ति को चाहिए कि वह जगदम्बा दुर्गा जी की उपासना करे ; जिससे उन्हें वृत्ति की प्राप्ति आसानी से हो सके।मातेश्वरी दुर्गा जी अपनी प्रत्येक सन्तान को वृत्ति प्राप्त कराने के लिए ही प्राणि-मात्र मे वृत्तिरूप मे स्थित हैं।अतः ऐसी ममतामयी माँ को बारंबार नमस्कार है --
   या देवी सर्वभूतेषु वृत्तिरूपेण संस्थिता।
   नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।

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