श्रीदुर्गा सप्तशती मे अर्धनारीश्वर के श्रीविग्रह का जो स्वरूप वर्णित है ; वह बहुत सुन्दर एवं मनभावन है।उस विग्रह का वर्ण बन्धूक पुष्प के समान अत्यन्त आकर्षक है।वह सुवर्ण के समान रक्तपीत मिश्रित वर्ण का है।उन्होंने अपने मस्तक पर आभूषण स्वरूप अर्ध चन्द्र को धारण कर रखा है।उनके मुख मण्डल पर तीन नेत्र सुशोभित हो रहे हैं।उन्होंने अपनी भुजाओं मे सुन्दर अक्षमाला ; पाश ; अंकुश और वरद मुद्रा धारण कर रखा है।ऐसे दिव्य स्वरूप वाले अर्धनारीश्वर के श्रीविग्रह की मै निरन्तर शरण ग्रहण करता हूँ ----
ऊँ बन्धूककाञ्चननिभं रुचिराक्षमालां
पाशाङ्कुशौ च वरदां निजबाहुदण्डैः।
बिभ्राणमिन्दुशकलाभरणं त्रिनेत्र--
मर्धाम्बिकेशमनिशं वपुराश्रयामि।।
Wednesday, 5 October 2016
अर्धनारीश्वर विग्रह -- डाॅ कृष्ण पाल त्रिपाठी
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