Wednesday, 5 October 2016

विश्वेश्वरी दुर्गा जी -- डाॅ कृष्ण पाल त्रिपाठी

          दुर्गा जी सम्पूर्ण विश्व की अधीश्वरी देवी हैं।जिस प्रकार राजा अपनी प्रजा का पालन करता है ; उसी प्रकार विश्वेश्वरी दुर्गा जी सम्पूर्ण विश्व का परिपालन करती हैं।वे विश्व-स्वरूपा हैं।यह चराचर जगत् उन्हीं का विस्तृत एवं प्रकट स्वरूप है।इसलिए वे ही इस विश्व को धारण करती हैं।वे ही एकमात्र आधार शक्ति हैं।यह जगत् उन्हीं पर आधारित है।वे सर्व वन्दनीया हैं।सभी देवी-देवता उनकी उपासना करते हैं।इतना ही नहीं ; बल्कि भगवान विश्वनाथ शिव जी भी उनकी वन्दना करते हैं।आपकी महिमा अपरंपार है।जो व्यक्ति आपके समक्ष मस्तक झुका देता है ; वह सम्पूर्ण विश्व का आश्रयदाता बन जाता है।आप उसे इतनी शक्ति और सामर्थ्य प्रदान कर देती हैं कि वह अपनी रक्षा के साथ-साथ दूसरों की रक्षा करने मे भी समर्थ हो जाता है ---
   विश्वेश्वरि त्वं परिपासि विश्वं
          विश्वात्मिका धारयसीति विश्वम्।
   विश्वेशवन्द्या भवती भवन्ति
         विश्वाश्रया ये त्वयि भक्तिनम्राः।।

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