शास्त्रों मे शक्ति के अनेक रूप वर्णित हैं।उनमे से शीतला देवी का स्वरूप बहुत सुन्दर एवं मनभावन है।वे सदैव गधे पर आरूढ़ रहती हैं।वे पूर्णरूपेण दिगम्बरा हैं।वे वस्त्राभूषणों से रहित रहती हैं।वे अपने हाथों मे मार्जनी एवं कलश धारण किये रहती हैं।उनका मस्तक सूप से विभूषित रहता है।ऐसी शीतल प्रकृति वाली मातेश्वरी शीतला देवी का मै सदैव ध्यान करता हूँ ---
ध्यायेच्च शीतलां देवीं रासभस्थां दिगम्बराम्।
मार्जनीकलशोपेतां शूर्पालंकृतमस्तकाम्।।
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