संसार के सभी पत्र-पुष्पों मे तुलसी की महत्ता सर्वोपरि है।भगवान विष्णु को अत्यन्त प्रिय होने के कारण इन्हें विष्णुप्रिया एवं वैष्णवी कहा जाता है।ये परम मंगलमयी एवं समस्त कामनाओं की पूर्ति करने वाली हैं।ये सम्पूर्ण लोक मे श्रेष्ठ ; शुभ एवं भोग-मोक्ष-प्रदायिनी हैं।इसीलिए भगवान विष्णु ने सम्पूर्ण लोकों का हित करने के लिए तुलसी के पौधे का आरोपण किया था।तुलसी मे असंख्य विशेषतायें विद्यमान हैं।उनमे से कुछ विशेषतायें इस प्रकार हैं ----
1-- तुलसी के पत्ते एवं पुष्प सभी धर्मों मे प्रतिष्ठित हैं।सभी धर्मों मे इनकी महत्ता स्वीकार की गयी है।
2-- भगवान विष्णु को तुलसी सर्वाधिक प्रिय हैं।संसार का कोई भी ऐसा पत्र ; पुष्प ; चन्दन-लेप आदि नहीं है ; जो विष्णु जी तुलसी के समान सन्तोष प्रदान कर सके।
3-- जो व्यक्ति प्रतिदिन तुलसी-दल द्वारा भगवान विष्णु का पूजन करता है ; उसे सभी दान ; हवन ; यज्ञ ; व्रत आदि का फल प्राप्त हो जाता है।
4-- जो व्यक्ति तुलसी-दल से भगवान विष्णु का पूजन करता है ; उसे सुख-शान्ति ; कान्ति ; यश ; लक्ष्मी ; श्रेष्ठ कुल ; शील ; पुत्र ; पत्नी ; कन्या ; धन राज्य आदि सब कुछ प्राप्त हो जाता है।
5-- जिस प्रकार पुण्यसलिला गंगा जी मुक्ति-दायिनी हैं ; उसी प्रकार तुलसी भी परम कल्याण-कारिणी हैं।
6-- यदि मञ्जरी युक्त तुलसी-दल द्वारा भगवान विष्णु का पूजन किया जाय तो उसका असीम पुण्यफल प्राप्त होता है।
7-- जिस स्थान पर तुलसी जी रहती हैं ; वहाँ सभी देवताओं का निवास रहता है।
8-- तुलसी के समीप जो पूजा पाठ किया जाता है ; उसका फल अनन्तगुना फल होता है।
9-- भूत प्रेत पिशाच कूष्माण्ड ब्रह्मराक्षस आदि तुलसी के पौधे से सदैव दूर भागते हैं।
10-- ब्रह्महत्या सदृश भयानक पाप एवं खोटे विचारों से उत्पन्न होने वाले सभी रोग तुलसी-वृक्ष के समीप पहुँचते ही नष्ट हो जाते हैं।
11-- जो व्यक्ति तुलसी का वगीचा लगाता है ; उसे सौ यज्ञों का पुण्यफल प्राप्त हो जाता है।
12-- जो व्यक्ति शालग्राम पर चढ़े हुए तुलसी-दल को प्रसाद रूप मे ग्रहण करता है ; उसे विष्णु-सायुज्य की प्राप्ति होती है।
13-- श्रीहरि को निवेदित तुलसी-दल को मस्तक पर धारण करने से व्यक्ति निष्पाप होकर स्वर्गलोक को प्राप्त करता है।
14-- कलियुग मे तुलसी-पूजन करने से स्वर्ग एवं मोक्ष की प्राप्ति अवश्य होती है।
15-- तुलसी-सेवा से राजसूय आदि यज्ञों एवं विविध प्रकार के व्रतों का फल मिल जाता है।
16-- तुलसी-दल द्वारा विष्णु-पूजन करने वाले जन्म-मरण के बन्धन से मुक्त हो जाते हैं।
17-- तुलसी-दल से विष्णु पूजन करने से सहस्रों पीढ़ियाँ पवित्र हो जाती हैं।
यद्यपि तुलसी का पूजन सदैव करना चाहिए किन्तु कार्तिक मास मे तुलसी-पूजन का विशेष महत्त्व है।अतः समस्त आस्तिक व्यक्तियों को तुलसी-पूजन अवश्य करना चाहिए।
Thursday, 20 October 2016
तुलसी माहात्म्य -- डाॅ कृष्ण पाल त्रिपाठी
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