मनुष्य का स्वभाव बहुत विचित्र है।वह प्रतिक्षण कुछ न कुछ करता रहता है।ऐसी स्थिति मे जाने-अनजाने कोई न कोई पापापराध हो ही जाता है।इन पापों से मुक्ति पाने के लिए शास्त्रों मे असंख्य उपाय बताये गये हैं।उनमे से अधिकाँश उपाय कठिन एवं दुष्कर हैं।अतः इसी समस्या से बचने के लिए भगवान वेदव्यास ने एक अत्यन्त सरल उपाय बताया है।इस उपाय से सम्पूर्ण पापों एवं प्रायश्चित्तों का विनाश हो जाता है।
श्री कृष्णद्वैपायन भगवान वेदव्यास प्रणीत स्कन्दपुराण के अनुसार भगवान के असंख्य नामों मे " कृष्ण " नाम प्रमुख है ; जो समस्त पापों एवं प्रायश्चित्तों को समूल नष्ट कर देता है ---
नाम्नां मुख्यतरं नाम कृष्णाख्यं यत् परंतप।
प्रायश्चित्तमशेषाणां पापानां मोचकं परम्।।
अतः पापनाशन हेतु अन्य किसी उपाय की ओर न जाकर केवल श्री कृष्ण नाम स्मरण का ही आश्रय ग्रहण करना अधिक सुगम एवं श्रेयस्कर है।अनावश्यक भ्रम मे नहीं पड़ना चाहिए।केवल श्री कृष्ण नाम का ही संकीर्तन करना चाहिए।
Thursday, 25 August 2016
प्रबल पापनाशक कृष्णनाम -- डाॅ कृष्ण पाल त्रिपाठी
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