Friday, 26 August 2016

ग्रहपीड़ा निवारण -- डाॅ कृष्ण पाल त्रिपाठी

           आजकल ज्योतिष का प्रचार बहुत बढ़ गया है।अधिकाँश लोग जन्मपत्रिका बनवाते हैं और उसके अनुरूप उपाय करके निरन्तर प्रगति की ओर अग्रसर हो रहे हैं।अनेक ऐसे लोग मिलते हैं जो किसी न किसी ग्रह की पीड़ा से व्यथित हैं।परन्तु उस ग्रहपीड़ा का सुगम उपाय न जानने के कारण इधर उधर भटकते रहते हैं।शास्त्रों मे ग्रहपीड़ा निवारण के लिए असंख्य उपाय बताये गये हैं।परन्तु अधिकांश उपाय श्रमसाध्य एवं व्ययसाध्य हैं।इसलिए निर्धन व्यक्ति उन उपायों का आश्रय नहीं ले पाता और कष्ट भोगता रहता है।
          इसलिए यहाँ पर मै प्रत्येक ग्रहजन्य पीड़ा के निवारण का सरलतम उपाय की ओर  संकेत कर रहा हूँ ; जो नितान्त विश्वसनीय एवं लाभप्रद है।यदि किसी को ग्रह तथा नक्षत्र के कारण कष्ट हो तो वह किसी शिवालय मे पूर्ण श्रद्धा एवं भक्ति के साथ " ऊँ नमः शिवाय " मन्त्र का दस हजार जप करे और उसके बाद उसी मन्त्र से आठ हजार आहुति प्रदान करे तो तत्काल लाभ होगा।वह ग्रह एवं नक्षत्रजन्य पीड़ा से पूर्णतः मुक्त हो जायेगा।हवन सामग्री सन्तुलित अनुपात मे होनी चाहिए।

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