Tuesday, 30 August 2016

शिव पूजन विधि --- डाॅ कृष्ण पाल त्रिपाठी

           प्रदोष ; महा शिवरात्रि ; मास शिवरात्रि आदि अवसरों पर भगवान शिव जी के पूजन की आवश्यकता पड़ती है।शिव पूजन के लिए अनेक उत्तम पद्धतियाँ उपलब्ध हैं ; परन्तु उनका प्रयोग केवल सुयोग्य विद्वानों द्वारा ही सम्भव है। विद्वान तो हर स्थान पर मिल जायेंगे।किन्तु उपर्युक्त अवसरों एक ही समय पर अनेक लोगों को पृथक्-पृथक् स्थानों पर पूजन करना पड़ता है।ऐसी स्थिति मे एक या दो पण्डित अधिक लोगों की पूजा नहीं करा पाते हैं।उस स्थिति मे प्रत्येक व्रती को शिव-पूजन हेतु किसी सरल विधि की आवश्यकता होती है।इसी आवश्यकता की पूर्ति के लिए यह लेख प्रस्तुत है।यदि आपके पास सुविधा हो तो वैदिक पौराणिक मन्त्रों द्वारा पूजन करें।सुविधा न होने पर केवल नाम-मन्त्र से ही पूजन करना चाहिए।यहाँ उसी विधि का संकेत किया जा रहा है।
          शिव-पूजन करने के लिए किसी शिवालय मे शुभासन पर बैठकर स्वयं और पूजन सामग्री को पवित्र करके गणेश ; गौरी ; नन्दी ; स्वामि कार्तिकेय ; वीरभद्र ; कीर्तिमुख ; कुबेर और सर्प का संक्षिप्त पूजन कर लें।तब शिव पूजन करें।
ध्यान --- हाथ मे अक्षत ; पुष्प आदि लेकर शिव जी का ध्यान करें ---
ऊँ ध्यायेन्नित्यं महेशं रजतगिरिनिभं चारुचन्द्रावतंसं
रत्नाकल्पोज्ज्वलांगं परशुमृगवराभीतिहस्तं प्रसन्नम्।
पद्मासीनं समन्तात् स्तुतममरगणैर्व्याघ्रकृत्तिं वसानं
विश्वाद्यं विश्ववन्द्यं निखिलभयहरं पञ्चवक्त्रं त्रिनेत्रम्।।
          इतना पढ़कर अक्षत पुष्प शिव जी पर चढ़ा दें।यदि इस मन्त्र को पढ़ने मे कठिनाई हो तो इस प्रकार कहें ---
ऊँ नमः शिवाय ध्यानं समर्पयामि।
आवाहन --- एक फूल लेकर कहें ----
ऊँ नमः शिवाय आवाहनं समर्पयामि।
उस फूल को शिव जी पर चढ़ा दें।
आसन --- फूल या बिल्वपत्र लेकर --
ऊँ नमः शिवाय आसनं समर्पयामि।कहकर शिव जी पर चढ़ा दें।
पाद्यादि --- चार बार शिव जी पर जल छोड़ें ---
ऊँ नमः शिवाय पाद्यं अर्घ्यं आचमनीयं स्नानीयं च समर्पयामि।
दुग्धस्नान --- शिव जी पर थोड़ा सा गोदुग्ध डालें ---
ऊँ नमः शिवाय पयः स्नानं समर्पयामि।
फिर जल डालें --
ऊँ नमः शिवाय शुद्धोदक स्नानं समर्पयामि।
दधिस्नान --- ऊँ नमः शिवाय दधि स्नानं समर्पयामि।
जल डालें -- ऊँ नमः शिवाय शुद्धोदक स्नानं समर्पयामि।
घृत स्नान --- ऊँ नमः शिवाय घृत स्नानं समर्पयामि।
जल डालें -- ऊँ नमः शिवाय शुद्धोदक स्नानं समर्पयामि।
मधु स्नान --- ऊँ नमः शिवाय मधुस्नानं समर्पयामि।
जल डालें ---- ऊँ नमः शिवाय शुद्धोदक स्नानं समर्पयामि।
शर्करा ( चीनी ) स्नान --- ऊँ नमः शिवाय शर्करा स्नानं समर्पयामि।
जल --- ऊँ नमः शिवाय शुद्धोदक स्नानं समर्पयामि।
पञ्चामृत स्नान ---- ऊँ नमः शिवाय पञ्चामृत स्नानं समर्पयामि।
जल ---- ऊँ नमः शिवाय शुद्धोदक स्नानं समर्पयामि।
गन्धोदक स्नान ---- केशर हल्दी मिश्रित जल से स्नान करायें --
ऊँ नमः शिवाय गन्धोदक स्नानं समर्पयामि।
शुद्ध जल ---- ऊँ नमः शिवाय शुद्धोदक स्नानं समर्पयामि।
आचमन ---- आचमन हेतु जल छोड़ दें।
वस्त्रोपवस्त्र या कलावा --- ऊँ नमः शिवाय वस्त्रोपवस्त्रं समर्पयामि।तदर्थे रक्षासूत्रं समर्मयामि।
आचमन ---- आचमन हेतु जल छोड़ दें।
यज्ञोपवीत ---- ऊँ नमः शिवाय यज्ञोपवीतं समर्पयामि।
आचमन --- आचमन हेतु जल छोड़ें।
भस्म ---- ऊँ नमः शिवाय भस्मं विलेपयामि।
चन्दन ---- ऊँ नमः शिवाय चन्दनं विलेपयामि।
अक्षत ---- ऊँ नमः शिवाय अक्षतान् समर्पयामि।
फूल  --- ऊँ नमः शिवाय पुष्पाणि समर्पयामि।
पुष्पमाला हो तो ---- ऊँ नमः शिवाय पुष्पमालिकां समर्पयामि।
मन्दार पुष्प --- ऊँ नमः शिवाय मन्दार पुष्पाणि समर्पयामि।
बिल्वपत्र (ग्यारह हो तो अच्छा होता है )---- ऊँ नमः शिवाय बिल्वपत्राणि समर्पयामि।
सुगन्धित द्रव्य इत्र आदि ---- ऊँ नमः शिवाय सुगन्धि द्रव्यं समर्पयामि।
दूर्वा ( ग्यारह दूब के अंकुर ) ----- ऊँ नमः शिवाय दूर्वांकुरान् समर्पयामि।
शमी पत्र ---- ऊँ नमः शिवाय शमी पत्राणि समर्पयामि।
भाँग --- ऊँ नमः शिवाय विजयां समर्पयामि।
अबीर बुक्का --- ऊँ नमः शिवाय नाना परिमल द्रव्याणि समर्पयामि।
तुलसी मञ्जरी --- ऊँ नमः शिवाय तुलसी मञ्जरीं समर्पयामि।
धूप ( धूप बत्ती या अगरबत्ती जलाकर ) ---- ऊँ नमः शिवाय धूपमाघ्रापयामि।
दीप ---- ऊँ नमः शिवाय दीपं दर्शयामि।
दीपक दिखाने के बाद अपना हाथ धुल लें।
नैवेद्य ( मीठा आदि ) ----
ऊँ नमः शिवाय नैवेद्यं निवेदयामि।
आचमन --- तीन बार जल छोड़कर आचमनीयं जलं समर्पयामि।
फल --- ऊँ नमः शिवाय ऋतु फलं समर्पयामि।
आचमन हेतु जल छोड़ें ----
आचमनीयं जलं समर्पयामि।
धत्तूर फल ---- ऊँ नमः शिवाय धत्तूर फलं समर्पयामि।
पान सुपाड़ी ---- ऊँ नमः शिवाय नैवेद्यान्ते मुख शुद्ध्यर्थं ताम्बूल पूगीफल च समर्पयामि।
दक्षिणा --- ऊँ नमः शिवाय दक्षिणां समर्पयामि।
प्रदक्षिणा --- प्रदक्षिणा कर लें।शिव जी की परिक्रमा आधी की जाती है।
विशेषार्घ्य --- दोने मे जल हल्दी आदि लेकर विशेषार्घ्य दें ---
ऊँ नमः शिवाय विशेषार्घ्यं समर्पयामि।
प्रार्थना --- हाथ मे पुष्प लेकर प्रार्थना करें ----
   आवाहनं न जानामि न जानामि विसर्जनम्।
   पूजां चैव न जानामि क्षमस्व परमेश्वर।।
   मन्त्रहीनं क्रियाहीनं भक्तिहीनं सुरेश्वर।
   यत्पूजितं मयादेव परिपूर्णं तदस्तु मे।।
   यदक्षरपदं भ्रष्टं मात्राहीनं च यद् भवेत्।
   तत्सर्वं क्षम्यतां देव प्रसीद परमेश्वर।।
   करचरण कृतं वाक्कायजं  कर्मजं वा
           श्रवण नयनजं वा मानसं वापराधम्।
    विहितमविहितं वा सर्वमेतत् क्षमस्व
             जय जय करुणाब्धे श्रीमहादेव शम्भो।।
आरती ----
   कर्पूरगौरं करुणावतारं
            संसारसारं भुजगेन्द्रहारम्।
   सदा वसन्तं हृदयार्विन्दे
             भवं भवानी सहितं नमामि।।
पुष्पाञ्जलि --- हाथ मे फूल लेकर
ऊँ नमः शिवाय पुष्पाञ्जलिं समर्पयामि।
प्रणाम ---- ऊँ नमः शिवाय प्रणामं करोमि।
समर्पण -- सम्पूर्ण पूजन भगवान शिव जी को समर्पित कर दें।
बाद मे आसन के नीचे जल छोड़कर अनामिका अंगुली से उस जल को अपने माथे मे लगा लें ---- ऊँ विष्णवे नमः तीन बार कहें।
प्रसाद ---- इसके बाद भगवान का प्रसाद स्वयं ग्रहण करें।
नोट ---- उपर्युक्त  " ऊँ नमः शिवाय " के स्थान पर " ऊँ भूर्भुवः स्वः श्री भवानीशंकर-देवताभ्यो नमः " का भी प्रयोग किया जा सकता है।

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