शास्त्रीय मान्यता के अनुसार मानव-योनि सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण एवं दुर्लभ मानी गयी है।अनेक धर्म; कर्म एवं पुण्य के बाद ही प्राणी को मानव शरीर की प्राप्ति होती है।परन्तु इस शरीर की विविधविध विशेषताओं के होते हुए भी एक महान दोष भी है।वह यह है कि शरीर रोग का मन्दिर है।इसमे नानाविध रोगों का निवास बना रहता है।इन रोगों को दूर करने के लिए असंख्य औषधियों का उल्लेख हुआ है।इसके लिए एक पृथक् शास्त्र ही बना है ; जिसे आयुर्वेद शास्त्र कहा जाता है।
इतना होते हुए भी हमारे प्राचीन ऋषियों-महर्षियों ने प्रत्येक समस्या के समाधान हेतु सरल से सरल उपायों का अन्वेषण कर रखा है।इसी प्रकार समस्त रोगों को दूर करने के लिए भी एक सरलतम उपाय का निर्देश किया है।महर्षि वेदव्यास के अनुसार अच्युत ; अनन्त और गोविन्द ये तीन ऐसे भगवन्नाम हैं ; जिनका उच्चारण मात्र करने से समस्त रोग समूल नष्ट हो जाते हैं ---
अच्युतानन्तगोविन्द-नामोच्चारण-भेषजात्।
नश्यन्ति सकला रोगाः सत्यं सत्यं वदाम्यहम्।।
अतः समस्त आस्तिक जनों को चाहिए कि वे प्रतिदिन इन पुनीत नामों का उच्चारण करते रहें तो उनके सभी रोग नष्ट हो जायेंगे।यदि रोगोत्पत्ति के पूर्व ही श्रद्धा भक्ति के साथ इन विशिष्ट नामो का उच्चारण किया जाय तो रोगोत्पत्ति ही नहीं होगी।अतः इस महौषधि का लाभ अवश्य उठाना चाहिए।
Wednesday, 24 August 2016
रोगनाशक भगवन्नाम -- डाॅ कृष्ण पाल त्रिपाठी
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