मनुष्य की पहचान बताने वाले साधनों मे नाम का महत्त्व सर्वोपरि है।हम जैसे ही कोई नाम पुकारते हैं ; वैसे ही उस नाम वाला व्यक्ति हमारी ओर उन्मुख हो जाता है।इस प्रकार जीवन मे नाम की बहुत अधिक महत्ता है।इसलिए अभिभावकों को चाहिए कि वे अपने बच्चों का नाम इस प्रकार का रखें ; जो सार्थक ; शुभ एवं देवपरक हो।देवपरक नाम रखने से लाभ यह होता है कि जब-जब अपने बच्चे का नाम पुकारेंगे ; तब-तब अनायास ही भगवन्नामोच्चारण होता रहेगा।इस प्रकार अन्य बहाने से लिया गया भगवान का नाम भी परम कल्याणकारी होता है।इस तथ्य की पुष्टि श्रीमद्भागवत महापुराण मे वर्णित अजामिल के उपाख्यान से भी होती है।
प्राचीन काल मे अजामिल नामक एक ब्राह्मण था।वह प्रारम्भ मे बहुत उदार ; भक्त एवं शास्त्रों का ज्ञाता था।बाद मे वह एक वेश्या के मोहजाल मे फँसकर धर्मच्युत हो गया।वह समस्त शास्त्रीय मर्यादाओं का उल्लंघन कर स्वच्छन्द आचरण करने लगा।उसका सम्पूर्ण जीवन पापमय हो गया।वह दिन-रात अनाचार मे ही लगा रहता था।धर्म-कर्म से बिल्कुल दूर हो गया।
संयोगवश अजामिल के पुत्र का नाम नारायण था।जब अजामिल की मृत्यु का समय आया तब उसे भयानक पार्षद दिखायी पड़े।वह भयभीत होकर अपने पुत्र को बुलाने के लिए नारायण-नारायण चिल्लाने लगा।इस परम पवित्र नारायण शब्द का उच्चारण करने मात्र से उसके सारे कलुष धुल गये।जिस प्रकार जाने-अनजाने मे भी ईंधन का स्पर्श अग्नि से हो जाय तो सम्पूर्ण ईंधन जल कर भस्म हो जाता है।उसी प्रकार जाने-अनजाने मे भी भगवान के नाम का उच्चारण हो जाने से मनुष्य के सारे पाप भस्म हो जाते हैं।ठीक यही स्थिति अजामिल की हो गयी।वह पूर्ण निष्कलुष और पवित्र हो गया।
अतः जिस अजामिल ने दासी का सहवास करके अपना सम्पूर्ण धर्म-कर्म नष्ट कर दिया था।अपने निन्दित कर्मों के कारण पतित हो गया था।नियमच्युत होने के कारण उसे नरक मे धकेलने की योजना थी।परन्तु भगवान के एक नाम " नारायण " का उच्चारण करने मात्र से वह तत्काल मुक्त हो गया।मृत्यु के पश्चात् वह भगवान के पार्षदों के साथ स्वर्णिम विमान पर आरूढ़ होकर आकाशमार्ग से भगवान लक्ष्मीपति के निवास स्थान वैकुण्ठ धाम को चला गया।
अतः इस प्रसंग से शिक्षा ग्रहण करते हुए सभी अभिभावकों को चाहिए कि वे अपने बच्चों का नाम इस प्रकार रखें कि उसका उच्चारण करने से बच्चे का संकेत और भगवन्नाम-स्मरण भी होता रहे।इससे " एक पन्थ दो काज " वाली कहावत चरितार्थ हो जायेगी।
Monday, 22 August 2016
नाम का महत्त्व --- डाॅ कृष्ण पाल त्रिपाठी
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