मानव-जीवन मे असंख्य वस्तुओं एवं पदार्थों का महत्त्व है ; उनमे सद् बुद्धि का महत्त्व सर्वोपरि है।सद् बुद्धि के द्वारा ही व्यक्ति सन्मार्ग मे प्रवृत्त होता है।सद् बुद्धि ही उसे सत्कर्म करने की प्रेरणा देती है।सत्कर्म करने वाला व्यक्ति सदैव सुखी ; सम्पन्न और कल्याणयुक्त रहता है।इसके द्वारा ही वैयक्तिक ; सामूहिक ; लौकिक ; पारलौकिक आदि विविधविध कल्याण की प्राप्ति होती है।अतः सद्बुद्धि -प्राप्ति का प्रयास अवश्य करना चाहिए।
हमारे धर्मशास्त्रों मे सद्बुद्धि प्राप्ति के लिए अनेक उपाय बताये गये हैं।उन उपायों मे गायत्री-जप का महत्त्वपूर्ण स्थान है।इसमे परब्रह्म परमात्मा के प्रतिनिधि स्वरूप भगवान सूर्यदेव से सद्बुद्धि एवं सत्प्रेरणा की प्राप्ति के लिए ही प्रार्थना की गयी है।इसीलिए प्राचीन मनीषियों ने गायत्री मन्त्र को सद्बुद्धि प्राप्ति के लिए सर्वश्रेष्ठ साधन माना है।अतः हम लोगों को भी उस महामन्त्र के द्वारा सद्बुद्धि प्राप्त करने का प्रयास अवश्य करना चाहिए।
Sunday, 28 August 2016
सद् बुद्धि की प्राप्ति --- डाॅ कृष्ण पाल त्रिपाठी
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