यह पर्व आश्विन शुक्ल पक्ष दशमी को मनाया जाता है।हेमाद्रि के अनुसार सूर्योदय काल मे दशमी किञ्चिन्मात्र हो ; उसके बाद सम्पूर्ण एकादशी हो और अपराह्न काल मे श्रवण नक्षत्र हो तो उसे विजया दशमी कहते हैं।इस दिन सन्ध्याकाल मे किञ्चित् तारों के उदय होने का समय विजयकाल कहलाता है।यह सभी कार्यों एवं अर्थों की सिद्धि करने वाला है।
कथा ---
----- भगवान श्रीराम ने इसी विजयकाल मे लंका पर चढाई करने के लिए प्रस्थान किया था।इसीलिए उनकी विजय हुई थी।
विधि --
------ व्रती स्नानादि से निवृत्त होकर गणपत्यादि देवों का पूजन कर श्री रामजानकी का पूजन करे।उसके बाद अस्त्र-शस्त्र ; अपराजिता ; शमी ; कचनार आदि का पूजन करे।
माहात्म्य --
----------- इससे उपर्युक्त देवी-देवताओं की अनुकम्पा प्राप्त होती है।
Friday, 25 March 2016
विजया दशमी
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