Tuesday, 15 March 2016

पुत्रदा एकादशी व्रती

           पुत्रदा एकादशी व्रत श्रावण शुक्ल पक्ष एकादशी को किया जाता है।यह पुत्र-प्रदायक होने के कारण पुत्रदा कहलाती है।
कथा --
------     प्राचीन काल मे माहिष्मतीपुर के राजा महीजित् के कोई पुत्र नही था।अतः एक दिन उन्होंने अपनी प्रजा से इसका उपाय ढूँढने का निवेदन किया।प्रजाजन घूमते हुए लोमश ऋषि के पास पहुँच गये।उन लोगों ने ऋषि से अपने राजा की व्यथा सुनाई।ऋषि ने उन्हें पुत्रदा एकादशी व्रत करने को कहा।प्रजाओं ने विधिवत् व्रत किया और उसका पुण्य अपने राजा को प्रदान कर दिया।इसके प्रभाव से महारानी के गर्भ से एक तेजस्वी पुत्र का जन्म हुआ।
विधि --
------      व्रती प्रातः स्नानादि से निवृत्त होकर श्रीहरि का विधिवत् पूजन करे।दिन भर उपवास एवं रात्रि जागरण करे दूसरे दिन पारणा करे।
माहात्म्य --
---------- इस व्रत के प्रभाव से पुत्र-प्राप्ति तो होती ही है ; अन्य कामनाओं की पूर्ति भी हो जाती है।

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