Tuesday, 15 March 2016

बहुला चतुर्थी व्रत

          यह व्रत भाद्रपद कृष्ण पक्ष चतुर्थी को किया जाता है।इसे मातायें अपने पुत्रों की रक्षा के लिए करती हैं।
कथा ---
------      प्राचीन काल मे बहुला नामक एक गाय थी।एक बार वह वन मे चरने गयी।वहाँ उसे एक सिंह ने पकड़ लिया।गाय ने प्रार्थना कि मेरा छोटा बछड़ा गोशाला मे बँधा है।मै उसे दूध पिला कर आऊँ तब मुझे खा लेना।सिंह ने उसकी बात मान ली।गाय बछड़े के पास आई और दूध पिलाकर सिंह के समक्ष प्रस्तुत हुई।सिंह आश्चर्य चकित हो गया और बहुला की सत्यप्रतिज्ञा को देखकर उसे मुक्त कर दिया।इसी बहुला गऊ के उपलक्ष्य मे यह व्रत किया जाता है।
विधि ---
------      प्रातः स्नानादि करके मिट्टी की बनी हुई गाय और सिंह की विधिवत् पूजा करे।
माहात्म्य --
-----------    इस व्रत के प्रभाव से पुत्र सन्तति की रक्षा होती है।

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