Tuesday, 15 March 2016

दधि-व्रत

             दधि-व्रत श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी को किया जाता है।
कथा --
------       स्कन्दपुराण के अनुसार श्रावण आदि चार मास तक दधि-सेवन वर्जित है -- " शाकं दधि पयो माषान् श्रावणादिषु वर्जयेत् "।परन्तु श्रावण शुक्ला द्वादशी को दधि-व्रत के उपलक्ष्य मे दही का उपयोग किया जा सकता है।
विधि --
-----      व्रती प्रातः नित्यकर्म से निवृत्त होकर भगवान् श्रीधर को विमान पर विराजमान कर उनका पूजन करे।फिर दिन-रात आनन्दोत्सव मनाये --
    अहोरात्रेण द्वादश्यां श्रावणे मासि श्रीधरम्।
    पञ्चयज्ञमवाप्नोति विमानस्थश्च मोदते।।
माहात्म्य --
-----------    इस व्रत एवं पूजन से पञ्चयज्ञ के समान पुण्यफल की प्राप्ति होती है।

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