Wednesday, 23 March 2016

शुभ सप्तमी व्रत

         यह व्रत आश्विन शुक्ल पक्ष सप्तमी को किया जाता है।
कथा ---
------     इसका वर्णन भगवान श्रीकृष्ण ने महाराज युधिष्ठिर से किया था।
विधि --
------     व्रती प्रातः स्नानादि करके ब्राह्मणों द्वारा स्वस्तिवाचन कराये।फिर गन्धाक्षत आदि द्वारा कपिला गौ का विधिवत् पूजन करे।उसके बाद ताम्रपात्र पर तिल भर कर उसके ऊपर वृषभ की स्वर्ण-प्रतिमा स्थापित कर पूजन करे।शाम के समय उसे ब्राह्मण को दान कर दे।रात्रि मे पञ्चगव्य का प्राशन कर भूशयन करे।इसी प्रकार इस व्रत को एक वर्ष तक करना चाहिए।
माहात्म्य ---
-----------      इस व्रत के प्रभाव से मनुष्य पूर्ण निष्पाप होकर रोग ; शोक और दुःखों से मुक्त हो जाता है।

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