आजकल बेटी के लिए सुयोग्य वर को ढूँढना एक भारी समस्या बन गया है।इसके लिए पुत्री के पिता को नाना प्रकेर की कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।इस कठिनाई से बचने और सुयोग्य वर प्राप्त करने के लिए निम्नलिखित उपाय बहुत फलप्रद है।
उपाय ---
------- कन्या प्रतिदिन शिवालय मे जाकर वहाँ प्रतिष्ठित सभी देवताओं का सामान्य पूजन कर पार्वती जी का विधिवत् पूजन करे।तत्पश्चात् श्रीरामचरित मानस की निम्नलिखित पंक्तियों का श्रद्धापूर्वक पाठ करे ---
जय जय गिरिवरराज किसोरी ।
जय महेस मुख चंद चकोरी ।।
जय गजबदन षडानन माता ।
जगत जननि दामिनि दुति गाता ।।
नहिं तव आदि मध्य अवसाना ।
अमित प्रभाउ बेदु नहिं जाना ।।
भव भव विभव पराभव कारिनि।
बिस्व बिमोहनि स्वबस बिहारिनि।।
दोहा-- पतिदेवता सुतीय महुँ
मातु प्रथम तव रेख ।
महिमा अमित न सकहिं कहि
सहस सारदा सेष ।।
सेवत तोहि सुलभ फल चारी ।
बरदायिनि पुरारि पिआरी ।।
देवि पूजि पद कमल तुम्हारे ।
सुर नर मुनि सब होहिं सुखारे।।
मोर मनोरथ जानहु नीकें।
बसहु सदा उर पुर सबही कें ।।
कीन्हेउँ प्रगट न कारन तेहीं ।
अस कहि चरन गहे बैदेहीं ।।
बिनय प्रेम बस भई भवानी ।
खसी माल मूरति मुसुकानी ।।
सादर सियँ प्रसादु सिर धरेऊ।
बोली गौरि हरषु हियँ भरेऊ ।।
सुनु सिय सत्य असीस हमारी।
पूजिहि मन कामना तुम्हारी ।।
नारद वचन सदा सुचि साचा ।
सो बरु मिलिहि जाहिं मनु राचा ।। -छन्द--मनु जाहि राचेउ मिलिहि सो
बरु सहज सुंदर साँवरो।
करुना निधान सुजान सीलु
सनेहु जानत रावरो ।।
एहि भाँति गौरि असीस सुनि
सिय सहित हियँ हरषीं अली।
तुलसी भवानिहि पूजि पुनि पुनि
मुदित मन मंदिर चली ।।
सो0-- जानि गौरि अनुकूल
सिय हिय हरषु न जाइ कहि।
मंजुल मंगल मूल
बाम अंग फरकन लगे ।।
इसके बाद इस पाठ को माता जी को समर्पित कर प्रणाम करें।मातेश्वरी की कृपा से सफलता अवश्य मिलेगी।
Tuesday, 22 March 2016
वर-प्राप्ति के लिए ( डाॅ कृष्ण पाल त्रिपाठी )
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