भाद्रपद कृष्ण पक्ष की एकादशी को अजा कहा जाता है।
कथा --
------ प्राचीन काल मे हरिश्चन्द्र नामक एक सत्यप्रतिज्ञ राजा राज्य करते थे।एक बार किसी कर्म का फलभोग प्राप्त होने पर वे राज्यभ्रष्ट हो गये।उन्हे अपनी पत्नी और पुत्र सहित स्वयं को भी बेंचना पड़ा।उन्हें श्मशान घाट पर चाण्डाल की दासता करनी पड़ी।एक दिन वे बहुत चिन्तित थे ; तभी महर्षि गौतम आ गये।राजा ने अपनी व्यथा सुनाई और उद्धार का उपाय पूछा।महर्षि ने अजा एकादशी का व्रत करने को कहा।राजा ने विधिवत् व्रत किया ; जिसके प्रभाव से उन्हें पत्नी ; पुत्र एवं राज्य भी प्राप्त हो गया।
विधि --
------ व्रती प्रातः स्नानादि के बाद भगवान हृषीकेश का पूजन करे।दिन भर उपवास एवं रात्रि-जागरण के बाद दूसरे दिन पारणा करे।
माहात्म्य ---
----------- इस व्रत के प्रभाव से मनुष्य के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं।अन्त मे उसे स्वर्गलोक की प्राप्ति होती है।
Wednesday, 16 March 2016
अजा एकादशी व्रत
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