यह व्रत पुरुषोत्तम मास के दूसरे पक्ष की एकादशी को किया जाता है।यह एकादशी समस्त कामनायें पूर्ण करने वाली होने के कारण कामदा कहलाती है।
कथा ---
------ एक बार महाराज युधिष्ठिर ने श्रीकृष्ण से पूछा कि कोई ऐसा व्रत बतायें ; जिसे करने मनुष्य जीवन-मुक्त होकर विष्णु-स्वरूप हो जाय।उस समय श्रीकृष्ण ने इसी व्रत को बताया था।
विधि ---
------- इसमे दशमी को एकभुक्त ; एकादशी को निर्जला एवं द्वादशी को पारण किया जाता है।
माहात्म्य --
------------ इस व्रत के प्रभाव से मनुष्य की सभी कामनायें पूर्ण हो जाती हैं।वह निष्पाप होकर भोग और मोक्ष दोनो को प्राप्त कर लेता है।
Monday, 28 March 2016
पुरुषोत्तमी कामदा एकादशी व्रत
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