श्रावण मास शिव जी को अत्यधिक प्रिय है।अतः इस मास मे प्रत्येक व्यक्ति को शिव जी का पूजन अवश्य करना चाहिए।
साधक को चाहिए कि वह आषाढ़ शुक्ल पूर्णिमा को सायंकाल अथवा श्रावण कृष्ण पक्ष प्रतिपदा को श्रावण मास भर शिव पूजन का संकल्प ले।पूजन हेतु किसी शिवालय मे जाकर स्वस्तिवाचन ; गणेशस्मरण आदि के बाद शिव जी का ध्यान करे।फिर आवाहन ; आसन ; पाद्य ; अर्घ्य ; आचमन एवं स्नान कराये।तत्पश्चात् दूध दही घी मधु शर्करा से पृथक् पृथक् स्नान कराकर पञ्चामृत ; गन्धोदक एवं शुद्धोदक स्नान कराये।फिर विजया ; सुगंधित द्रव्य ; वस्त्र यज्ञोपवीत गन्ध भस्म अक्षत पुष्प बिल्वपत्र दूर्वा शमीपत्र तुलसीमंजरी आभूषण नानापरिमल द्रव्य सिन्दूर धूप दीप नैवेद्य ऋतुफल धत्तूर फल ताम्बूल दक्षिणा आदि समर्पित कर आरती करे।अन्त मे पुष्पाञ्जलि अर्पित कर प्रार्थना करे।
यदि समय और सुविधा हो तो प्रतिदिन रुद्राभिषेक भी करना चाहिए।रुद्राभिषेक के लिए गोदुग्ध सर्वोत्तम माना गया है।परन्तु अपनी कामना के अनुसार अन्य पदार्थों से भी किया जा सकता है।यदि अभिषेक की सुविधा न हो तो न्यूनतम 108 बार " ऊँ नमः शिवाय " का जप अवश्य करना चाहिए।इससे समस्त कामनाओं की प्राप्ति होती है।
Sunday, 13 March 2016
श्रावण मे शिव-पूजन
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