भाद्रपद शुक्ल पक्ष की एकादशी का नाम पद्मा एकादशी है।
कथा ---
------ एक बार महाराज मान्धाता के राज्य मे घोर अकाल पड़ गया।तीन वर्षों तक वर्षा नहीं हुई।इसका समाधान पूछने के लिए राजा कुछ प्रमुख व्यक्तियों के साथ अंगिरा ऋषि के पास गये।अंगिरा ऋषि ने उन्हें पद्मा एकादशी व्रत करने को कहा।राजा ने प्रजाओं सहित व्रत किया ; जिससे समुचित वर्षा हुई।सभी के कष्ट दूर हो गये।
विधि ---
------ व्रती प्रातः स्नानादि करके भगवान हृषीकेश का विधिवत पूजन करे।फिर जलपूर्ण घट ; दही ; चावल आदि का दान करे।उपवास और रात्रि-जागरण के बाद दूसरे दिन पारणा करे।
माहात्म्य ---
----------- इस व्रत के प्रभाव से मनुष्य के सभी अभीष्ट पूर्ण हो जाते हैं।
Sunday, 20 March 2016
पद्मा एकादशी व्रत
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