यह व्रत भाद्रपद शुक्ल पक्ष अष्टमी को किया जाता है।
कथा --
------ वृहन्नारदीय पुराण के अनुसार भाद्रपद शुक्ल पक्ष अष्टमी को राधा जी का अवतार हुआ था।इसी उपलक्ष्य मे यह व्रत किया जाता है।
विधि ---
------ व्रती स्नानादि कर मध्याह्न के समय एक मण्डल मे कलश स्थापित करे।उस पर राधा जी की स्वर्ण-प्रतिमा स्थापित कर विधिवत् पूजन करे।सामर्थ्य हो तो उपवास करे अन्यथा एकभुक्त व्रत करे।दूसरे दिन सुवासिनी स्त्रियों को भोजन कराकर प्रतिमा आचार्य को दान कर दे।
माहात्म्य --
----------- इस व्रत के प्रभाव से राधा जी की असीम अनुकम्पा प्राप्त होती है।
Friday, 18 March 2016
श्री राधाष्टमी व्रत
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